भारत बना सामाजिक सुरक्षा कवरेज में दूसरा सबसे बड़ा देश: 94 करोड़ लोगों को मिला संरक्षण

भारत बना सामाजिक सुरक्षा कवरेज में दूसरा सबसे बड़ा देश: 94 करोड़ लोगों को मिला संरक्षण

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत अब सामाजिक सुरक्षा कवरेज में विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। भारत की 64.3% आबादी, यानी 94 करोड़ से अधिक नागरिक, अब कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ के अंतर्गत आते हैं। यह उपलब्धि 2015 में केवल 19% कवरेज से अभूतपूर्व छलांग है — 10 वर्षों में 45 प्रतिशत अंकों की वृद्धि।

ILO की मान्यता और ILOSTAT डैशबोर्ड पर भारत की उपलब्धि

ILO ने जिन देशों की योजनाओं को मान्यता दी है, उनके लिए यह आवश्यक है कि वे:

  • कानूनी रूप से मान्य हों,
  • नकद लाभ आधारित हों,
  • और पिछले तीन वर्षों का सत्यापित आंकड़ा प्रस्तुत करें।

इन मानकों को पूरा करते हुए भारत ने ILOSTAT डैशबोर्ड में 2025 का डेटा अपडेट करने वाला दुनिया का पहला देश बनकर डिजिटल गवर्नेंस में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।

मंत्री मंडाविया का वक्तव्य और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में आयोजित 113वें अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में भारत के श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारत की गरीब और श्रमिक-हितैषी नीतियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा:

“यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत को साकार करने के लिए सरकार के प्रयासों का प्रमाण है।”

ई-श्रम, राष्ट्रीय डेटा और भविष्य की दिशा

  • e-Shram पोर्टल पर अब तक 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं।
  • नेशनल करियर सर्विस पोर्टल वैश्विक नौकरी की मांगों को संकलित कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय श्रम गतिशीलता को प्रोत्साहित कर रहा है।
  • सामाजिक सुरक्षा डेटा पूलिंग एक्सरसाइज का प्रथम चरण पूरा हो चुका है, जिसमें 8 राज्यों की केंद्रीय योजनाओं और महिला-केंद्रित योजनाओं का समावेश है।
  • द्वितीय चरण के बाद भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज जल्द ही 100 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19% थी, जो अब 64.3% हो गई है।
  • ILOSTAT डैटाबेस में 2025 के आंकड़े अपडेट करने वाला भारत पहला देश है।
  • ILO के अनुसार, सामाजिक सुरक्षा कवरेज में यह अब तक की सबसे तेज़ प्रगति है।
  • इस उपलब्धि से भारत वैश्विक श्रम समझौतों में भी अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा।

भारत की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल गरीबों और श्रमिकों को सशक्त करने का प्रमाण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत की सामाजिक न्याय और कल्याण की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है। यह प्रयास वैश्विक सामाजिक सुरक्षा सहयोग और श्रम गतिशीलता में भारत की स्थिति को और भी मज़बूत करेगा।

Originally written on June 12, 2025 and last modified on June 12, 2025.

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