भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक: 2030 से पहले हासिल किया COP26 लक्ष्य

भारत ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है — International Renewable Energy Agency (IRENA) के अनुसार, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन चुका है। वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान भारत ने 1,08,494 GWh सौर ऊर्जा का उत्पादन किया, जिससे उसने जापान (96,459 GWh) को पीछे छोड़ दिया। साथ ही, देश ने अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता में से 50.07% हिस्सेदारी अक्षय स्रोतों से प्राप्त कर ली है — यह लक्ष्य भारत ने 2030 के बजाय 2025 में ही हासिल कर लिया है।
सौर ऊर्जा में भारत की प्रगति
पिछले एक दशक में भारत में सौर ऊर्जा का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। 2025 तक भारत की कुल सौर क्षमता 119.02 GW तक पहुँच गई, जिसमें शामिल हैं:
- 90.99 GW ग्राउंड-माउंटेड सौर संयंत्रों से
- 19.88 GW ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सिस्टम्स से
- 3.06 GW हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स से
- 5.09 GW ऑफ-ग्रिड सौर संयंत्रों से
भारत का सौर विनिर्माण क्षेत्र भी तेजी से विकसित हुआ है, जहाँ सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता 38 GW से बढ़कर 74 GW हो गई, और सौर सेल निर्माण क्षमता 9 GW से बढ़कर 25 GW हो चुकी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत IRENA (2025) के अनुसार, अक्षय ऊर्जा क्षमता में 4वें, पवन ऊर्जा में 4वें और सौर ऊर्जा में 3वें स्थान पर है।
- देश की कुल स्थापित बिजली क्षमता 484.82 GW है, जिसमें से 242.8 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल स्रोतों से आती है।
- PM सूर्या घर योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का लक्ष्य है।
- PM-कुसुम योजना किसानों को सौर ऊर्जा पर आधारित सिंचाई पंप उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी।
प्रमुख सौर योजनाएँ और नवाचार
- सोलर पार्क योजना: मार्च 2026 तक 40 GW क्षमता वाले 53 सोलर पार्क विकसित करने का लक्ष्य। अब तक 26 पार्कों में 13,896 MW परियोजनाएं चालू हैं।
- PM JANMAN अभियान: जनजातीय क्षेत्रों में 1 लाख घरों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण का लक्ष्य।
- फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स और एग्रीवोल्टाइक्स: भूमि संरक्षण और कृषक आय बढ़ाने के लिए नवीन पहलें।
वैश्विक नेतृत्व और सहयोग
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): भारत और फ्रांस द्वारा शुरू किया गया, 100+ देशों का गठबंधन जो सौर ऊर्जा को वैश्विक रूप से सस्ता और सुलभ बनाना चाहता है।
- OSOWOG (One Sun, One World, One Grid): वैश्विक सौर ग्रिड की परिकल्पना जो भारत को ऊर्जा साझेदारी में अग्रणी बनाती है।
अन्य प्रमुख क्षेत्र
- पवन ऊर्जा: 51.6 GW स्थापित, 30.10 GW निर्माणाधीन।
- बायोएनेर्जी: 11.6 GW क्षमता, बायोगैस, बायोमास और कचरा-से-ऊर्जा योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास।
- हरित हाइड्रोजन: 2030 तक 5 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य, ₹8 लाख करोड़ निवेश और ₹1 लाख करोड़ की आयात बचत की योजना।
निष्कर्ष
भारत अब 2030 के लक्ष्य से पाँच साल पहले ही 50% बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर रहा है। यह दर्शाता है कि विकास और पर्यावरणीय संतुलन साथ-साथ चल सकते हैं। भारत की ऊर्जा नीति अब आत्मनिर्भरता, नवाचार और टिकाऊ भविष्य की ओर केंद्रित है। सौर ऊर्जा से लेकर हाइड्रोजन और ग्रामीण विद्युतीकरण तक, हर कदम भारत को वैश्विक ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में मजबूत बना रहा है।