भारत बना किम्बरली प्रोसेस का उपाध्यक्ष: वैश्विक हीरा व्यापार में बढ़ती भूमिका
भारत ने 25 दिसंबर 2025 से किम्बरली प्रोसेस का उपाध्यक्ष पद संभाल लिया है और आगामी वर्ष 1 जनवरी 2026 से वह इस वैश्विक पहल का अध्यक्ष बन जाएगा। यह विकास अंतरराष्ट्रीय व्यापार संचालन, विशेष रूप से हीरा उद्योग के क्षेत्र में, भारत की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
किम्बरली प्रोसेस क्या है?
किम्बरली प्रोसेस एक त्रिपक्षीय अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसमें सरकारें, वैश्विक हीरा उद्योग और नागरिक समाज संगठन शामिल हैं। इसका उद्देश्य संघर्ष-प्रेरित हीरों (Conflict Diamonds) के व्यापार को रोकना है—ऐसे हीरे जिनका उपयोग विद्रोही समूह वैध सरकारों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए वित्त पोषण के रूप में करते हैं।
यह पहल कच्चे हीरों के व्यापार पर निगरानी रखने वाला विश्व का सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय ढांचा बन चुकी है, जो पारदर्शिता और नैतिक व्यापार को बढ़ावा देता है।
भारत की बढ़ती वैश्विक जिम्मेदारी
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को उपाध्यक्ष बनाए जाने से यह सिद्ध होता है कि वैश्विक समुदाय भारत के ईमानदारी, पारदर्शिता और उत्तरदायी व्यापार व्यवहारों पर विश्वास करता है। यह चयन भारत की बहुपक्षीय आर्थिक नीतियों में भूमिका, और व्यावसायिक हितों के साथ नैतिक मूल्यों के संतुलन को दर्शाता है।
उपाध्यक्ष और अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका
2025 में उपाध्यक्ष और 2026 में अध्यक्ष के रूप में भारत किम्बरली प्रोसेस के सभी प्रतिभागियों और पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर कार्य करेगा। इसका उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा:
- नियम-आधारित अनुपालन को सशक्त बनाना
- संस्थागत विश्वसनीयता में सुधार
- वैश्विक अपेक्षाओं के अनुरूप ढांचे को अद्यतन करना
- अधिक समावेशी और प्रभावी प्रणाली को बढ़ावा देना
वैश्विक हीरा व्यापार में किम्बरली प्रोसेस का महत्व
किम्बरली प्रोसेस में 60 से अधिक प्रतिभागी देश शामिल हैं, जो वैश्विक कच्चे हीरा व्यापार के 99% से अधिक हिस्से को नियंत्रित करते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता तक पहुंचने वाले हीरे नैतिक स्रोतों से आए हों और उनका उपयोग किसी प्रकार के हिंसक संघर्ष में न हुआ हो।
भारत की अध्यक्षता के दौरान यह अपेक्षा की जा रही है कि वह प्रवर्तन सुधार, समावेशन को बढ़ावा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विश्वास को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• किम्बरली प्रोसेस का उद्देश्य संघर्ष-प्रेरित हीरों के व्यापार को रोकना है।
• यह एक त्रिपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग है—सरकारें, उद्योग और नागरिक समाज मिलकर इसमें भाग लेते हैं।
• इसमें वर्तमान में 60 प्रतिभागी हैं, जो 99% से अधिक वैश्विक कच्चे हीरे के व्यापार को कवर करते हैं।
• भारत 2025 में उपाध्यक्ष और 2026 में अध्यक्ष की भूमिका निभाएगा।
भारत का यह नेतृत्व भूमिका न केवल उसकी वैश्विक व्यापार नीति में मजबूती को दर्शाता है, बल्कि वह नैतिक और पारदर्शी व्यापार की दिशा में वैश्विक मार्गदर्शक की भूमिका भी निभा रहा है।