भारत‑न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता: डेयरी क्षेत्र को पूरी सुरक्षा
भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिया है, जिसमें देश के संवेदनशील डेयरी क्षेत्र को पूरी तरह से सुरक्षा दी गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि इस समझौते के अंतर्गत भारत ने डेयरी आयात के लिए कोई बाजार पहुंच नहीं दी है, जिससे किसान संगठनों और राजनीतिक वर्ग की चिंताओं का समाधान हुआ है। इस समझौते के तहत सीमित निवेश को अनुमति दी गई है, जो पूरी तरह निर्यात पर केंद्रित रहेगा।
निर्यात‑उन्मुख डेयरी निवेश की सीमित अनुमति
नए समझौते के अंतर्गत एक परिभाषित निवेश ढांचे के तहत न्यूजीलैंड की कंपनियों को भारत में डेयरी कच्चे माल या अवयव लाकर केवल प्रसंस्करण और उसके बाद 100 प्रतिशत निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इस व्यवस्था के तहत घरेलू बाजार में किसी भी प्रकार की बिक्री पूर्णतः निषिद्ध होगी। यह पूरा निवेश तेज़ी से अनुमोदित होने वाली एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से संचालित होगा, जो केवल निर्यात केंद्रित निर्माण इकाइयों के लिए है।
डेयरी आयात पर कोई शुल्क रियायत नहीं
मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत ने इस समझौते में डेयरी उत्पादों पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है और भविष्य में भी देने की कोई योजना नहीं है। डेयरी क्षेत्र को पूरी तरह से इस FTA की परिधि से बाहर रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र देश के लाखों छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे हमेशा ‘रेड लाइन’ के रूप में देखा गया है।
साइड लेटर: केवल भविष्य की चर्चा के लिए
समझौते में शामिल एक ‘साइड लेटर’ को लेकर उठे प्रश्नों पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह केवल भविष्य की समीक्षाओं के दौरान विचार-विमर्श की अनुमति देता है, लेकिन इसमें भारत पर कोई बाध्यकारी प्रतिबद्धता नहीं है। यह प्रावधान न्यूजीलैंड के अनुरोध पर शामिल किया गया था, ताकि अगर भारत कभी किसी समान अर्थव्यवस्था के लिए डेयरी क्षेत्र खोले तो उस पर चर्चा की जा सके। हालांकि, भारत की नीति यह रही है कि डेयरी क्षेत्र को किसी भी व्यापार वार्ता में समझौते से बाहर रखा जाए।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• भारत ने अब तक किसी भी FTA के तहत अपने डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है।
• न्यूजीलैंड विश्व के सबसे बड़े डेयरी निर्यातकों में से एक है।
• FTA के साथ ‘साइड लेटर’ चर्चा की अनुमति देते हैं, लेकिन ये बाध्यकारी नहीं होते।
• भारत में डेयरी क्षेत्र करोड़ों किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
वर्तमान में भारत और न्यूजीलैंड के बीच डेयरी व्यापार बहुत ही सीमित है। वित्त वर्ष 2025 में न्यूजीलैंड से भारत में कुल डेयरी निर्यात लगभग $1 मिलियन रहा, जिसमें दूध, मक्खन, क्रीम, मोत्ज़ारेला चीज़, शहद और स्किम्ड मिल्क जैसे उत्पाद शामिल हैं। यह नया समझौता भारत की घरेलू डेयरी प्रणाली को सुरक्षित रखते हुए निवेश आधारित निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एक संतुलित प्रयास है।