भारत ने ब्राज़ील को ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया

15 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में भारत ने ब्राज़ील को स्वदेशी रूप से विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा। इस बैठक में ब्राज़ील के रक्षा मंत्री जोस मूसियो मोंटेइरो फिल्हो भी उपस्थित रहे। यह वार्ता भारत और ब्राज़ील के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी और रक्षा सहयोग के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत-ब्राज़ील रक्षा सहयोग के नए आयाम
बैठक के दौरान दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए कई प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की, जिनमें सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण यात्राएं, तथा संयुक्त विकास और सह-उत्पादन के अवसर शामिल हैं। दोनों पक्षों ने वर्तमान रक्षा-सम्बंधी पहलों की समीक्षा की और भविष्य में सहयोग की दिशा में ठोस रूपरेखा तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई।
भारत की ओर से ब्राज़ील को आकाश मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति का प्रस्ताव, न केवल रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को वैश्विक मंच पर मजबूत करने का प्रयास भी है।
आकाश मिसाइल प्रणाली की विशेषताएं
- स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल।
- 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तक एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम।
- तीव्र प्रतिक्रिया क्षमता, कम लागत और उच्च मारक दक्षता इसे विश्वस्तरीय बनाती है।
- भारतीय सेना और वायुसेना दोनों इस प्रणाली का उपयोग करती हैं।
भारत-ब्राज़ील रणनीतिक साझेदारी
भारत और ब्राज़ील के बीच बहुपक्षीय मंचों (जैसे BRICS, IBSA) पर भी सहयोग गहरा है। दोनों देश विकासशील विश्व के हितों के प्रतिनिधि माने जाते हैं और अब रक्षा एवं तकनीकी क्षेत्र में भी यह साझेदारी और गहरी होती जा रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आकाश मिसाइल प्रणाली को DRDO द्वारा विकसित किया गया है और इसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) तथा भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा किया जाता है।
- यह प्रणाली पहले से वियतनाम और फिलीपींस जैसे देशों की रुचि का केंद्र रह चुकी है।
- ब्राज़ील और भारत दोनों BRICS के संस्थापक सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
- ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत 2025 तक रक्षा निर्यात को 5 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।