भारत ने निमोनिया के खिलाफ पहला स्वदेशी टीका विकसित किया

निमोनिया के खिलाफ पहला भारतीय टीका सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। यह टीका जल्द ही घरेलू निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्य बिंदु

भारत के पास निमोनिया के टीकों की पहुंच है। लेकिन  नया स्थानीय रूप से विकसित नया वैक्सीन अन्य निमोनिया टीके जैसे Pfizer के NYSE: PFE, GlaxoSmithKline के LSE: GSK टीकों से काफी सस्ता है। इन दो टीकों का उपयोग वर्तमान में भारत में निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के लिए किया जाता है।

इस नए टीके का उपयोग “स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया” (Streptococcus Pneumonia) के कारण होने वाले निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के लिए किया जायेगा। इस वैक्सीन के नैदानिक ​​परीक्षण, सभी तीन चरणों, भारत और गाम्बिया (एक अफ्रीकी राष्ट्र) में आयोजित किए गए थे।

पृष्ठभूमि

यूनिसेफ के अनुसार, हर साल पांच साल से कम उम्र के एक लाख से अधिक बच्चे न्यूमोकोकल बीमारी के कारण मर जाते हैं।

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine)

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन वर्तमान में भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत है। यह वैक्सीन काफी महंगा है। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के लिए आवंटित बजट का 50% केवल इस टीके पर ही खर्च होता है। इस कार्यक्रम में बारह अन्य बीमारियों के लिए टीकाकरण शामिल है। वे तपेदिक, टेटनस, रूबेला, जापानी एन्सेफलाइटिस, खसरा, हेपेटाइटिस आदि हैं।

भारत में निमोनिया

भारत में निमोनिया के शीर्ष पांच योगदानकर्ता उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश हैं।

निमोनिया एक संक्रमण है जो फेफड़ों की वायु थैली को फुला देता है। फेफड़ों का वायु प्रवाह द्रव या मवाद से भर सकता है। इससे सांस लेने में कठिनाई होती है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया और कवक जैसे सूक्ष्म के कारण होता है।

Originally written on December 25, 2020 and last modified on December 25, 2020.

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