भारत ने जीता विमेंस कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 का खिताब
भारत ने ढाका (बांग्लादेश) में आयोजित विमेंस कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए चीनी ताइपे (Chinese Taipei) को 35–28 से हराकर लगातार दूसरा विश्व खिताब अपने नाम किया। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने अनुशासित खेल, रणनीतिक छाप और सामूहिक तालमेल का शानदार उदाहरण पेश किया। फाइनल में टीम का प्रदर्शन पूरे अभियान का सबसे बेहतरीन रहा, जिससे भारत ने एक बार फिर विश्व कबड्डी में अपनी बादशाहत कायम रखी।
फाइनल मुकाबले में नियंत्रित और संतुलित खेल
फाइनल की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने सशक्त रक्षा और सोच-समझकर किए गए रेड्स के दम पर बढ़त बनाई। पहले हाफ के अंत में भारत मामूली अंतर से आगे था, लेकिन दूसरे हाफ में टीम ने अपने आक्रामक तेवरों में बढ़ोतरी की और चीनी ताइपे को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे मैच में गति और संतुलन बनाए रखा, जिसके चलते मुकाबला अंतिम मिनटों तक भारत के नियंत्रण में रहा।
नेतृत्व और प्रमुख खिलाड़ी
टीम की कप्तान ऋतु नेगी और उपकप्तान पुष्पा राणा ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार नेतृत्व किया। ऋतु नेगी ने मैच की गति को समझदारी से नियंत्रित किया, जबकि पुष्पा राणा ने तेज़ रेड्स और सटीक टैकल्स से टीम को मजबूती दी। इनके अलावा चंपा ठाकुर, भावना ठाकुर, और साक्षी शर्मा जैसे खिलाड़ियों ने ऑल-राउंड प्रदर्शन कर टीम की गहराई को और मजबूत किया। हर मैच में खिलाड़ियों ने एक-दूसरे के पूरक बनकर टीम को संतुलित बनाए रखा।
प्रशिक्षकों की रणनीति और टीम की गति
भारतीय टीम की सफलता के पीछे कोचिंग टीम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। मुख्य कोच तेजस्वी और सहायक कोच प्रियंका ने खिलाड़ियों को संगठित रणनीति और मानसिक मजबूती के साथ तैयार किया। सेमीफाइनल में ईरान के खिलाफ भारत की जीत में भी यही अनुशासन और रणनीति देखने को मिली, जहाँ टीम ने शुरुआती बढ़त लेकर विपक्ष पर निरंतर दबाव बनाए रखा और कई बार ऑल-आउट करते हुए मैच पर पूरी पकड़ बनाई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत ने विमेंस कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल ढाका (बांग्लादेश) में जीता।
- फाइनल में भारत ने चीनी ताइपे को 35–28 से हराया।
- यह भारत का लगातार दूसरा विमेंस कबड्डी वर्ल्ड कप खिताब है।
- टीम की कप्तान ऋतु नेगी और उपकप्तान पुष्पा राणा थीं।
वैश्विक कबड्डी में भारत की श्रेष्ठता
यह जीत भारतीय महिला कबड्डी टीम की विश्व स्तर पर निरंतर प्रभुत्व का प्रमाण है। टीम ने न केवल रणनीतिक खेल दिखाया बल्कि सामूहिक भावना, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। इस खिताब के साथ भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला कबड्डी में उसकी पकड़ अभी भी अटूट है और नई पीढ़ी के खिलाड़ी भी इस गौरव को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।