भारत-जॉर्डन संबंधों की नई ऊंचाई: पीएम मोदी की यात्रा पर संयुक्त वक्तव्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15–16 दिसंबर 2025 को हाशेमाइट किंगडम ऑफ जॉर्डन की आधिकारिक यात्रा की, जो भारत और जॉर्डन के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनी।
राजनीतिक संवाद और राजनयिक भागीदारी
अम्मान में प्रधानमंत्री मोदी और राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के बीच द्विपक्षीय और विस्तारित वार्ताएं हुईं। दोनों नेताओं ने विश्वास और सद्भावना पर आधारित गहरे होते संबंधों की सराहना की और भविष्य में राजनीतिक परामर्श व संयुक्त कार्य समूहों के माध्यम से संस्थागत संवाद तंत्र को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
पांचवां राजनीतिक परामर्श दौर नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जो निरंतर राजनयिक संलग्नता का संकेत है।
व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग
आर्थिक साझेदारी इस यात्रा का मूल स्तंभ रही। वर्ष 2024 में भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय व्यापार 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचा, जिससे भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
- दोनों पक्षों ने व्यापार बास्केट में विविधता लाने पर सहमति जताई।
- 2026 की शुरुआत में 11वीं व्यापार और आर्थिक संयुक्त समिति की बैठक आयोजित होगी।
- जॉर्डन-भारत बिजनेस फोरम में उद्योगपतियों ने लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढाँचे और कस्टम्स सुधार पर चर्चा की।
प्रौद्योगिकी, शिक्षा और क्षमता निर्माण
भारत और जॉर्डन ने डिजिटल परिवर्तन, शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग की समीक्षा की। प्रमुख बिंदु:
- India–Jordan Centre of Excellence in IT का विस्तार
- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत के अनुभव साझा करने पर सहमति
- ITEC कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण सीटों की संख्या 35 से बढ़ाकर 50 प्रति वर्ष कर दी गई, जिसे जॉर्डन ने सराहा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंध 1950 में स्थापित हुए।
- 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- भारत, जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- जॉर्डन ने ISA (Solar Alliance), CDRI और GBA में शामिल होने की इच्छा जताई।
क्षेत्रीय सहयोग और बहुपक्षीय समन्वय
संयुक्त वक्तव्य में स्वास्थ्य, कृषि, जल प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में सहयोग को बल दिया गया।
- जल संसाधन और नवीकरणीय ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन (MoU)
- टेलीमेडिसिन, उर्वरक व्यापार और सतत कृषि में साझेदारी
- 2025–2029 सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
- पेट्रा और एलोरा गुफाओं के बीच ट्विनिंग समझौता
दोनों देशों ने सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने और बहुपक्षीय मंचों में समन्वय गहरा करने पर भी सहमति जताई, जिससे वैश्विक विकास और स्थायित्व के मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण और भी सुदृढ़ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-जॉर्डन साझेदारी को बहु-आयामी सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और वैश्विक समन्वय की दिशा में एक नई दिशा प्रदान करती है।