भारत-जॉर्डन व्यापार को 5 अरब डॉलर तक ले जाने का प्रस्ताव, पीएम मोदी की अमान यात्रा में आर्थिक साझेदारी पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन की राजधानी अमान में आयोजित भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को आगामी पांच वर्षों में 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्रस्तावित किया है। यह पहल भारत और जॉर्डन के बीच आर्थिक साझेदारी को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
उच्च स्तरीय भागीदारी और रणनीतिक संवाद
इस फोरम में जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय और क्राउन प्रिंस हुसैन की उपस्थिति के साथ-साथ वरिष्ठ मंत्रियों और उद्योग जगत के नेताओं ने भाग लिया। दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार-से-व्यापार संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और इस मंच को संभावनाओं को ठोस आर्थिक परिणामों में बदलने का अवसर बताया। निजी क्षेत्र को भारत-जॉर्डन संबंधों के अगले चरण का प्रमुख वाहक माना गया।
व्यापारिक लक्ष्य और आर्थिक संभावनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया और कहा कि यह जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने उत्पादकता आधारित शासन और नवाचार केंद्रित नीतियों के माध्यम से भारत के आर्थिक विकास की दिशा पर प्रकाश डाला।
वहीं, किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने कहा कि जॉर्डन की फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स और भारत के आर्थिक आकार को मिलाकर दक्षिण एशिया से वेस्ट एशिया तक एक मजबूत आर्थिक गलियारा बनाया जा सकता है।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कई क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें प्रमुख हैं:
- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईटी, फिनटेक, हेल्थ-टेक और एग्री-टेक
- फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज़ में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग कर जॉर्डन को वेस्ट एशिया और अफ्रीका के लिए क्षेत्रीय केंद्र बनाना
- कृषि, कोल्ड चेन, फर्टिलाइज़र, ऑटोमोबाइल, ग्रीन मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, डीसेलिनेशन, वाटर रीसाइक्लिंग, और हेरिटेज तथा सांस्कृतिक पर्यटन
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत-जॉर्डन व्यापार लक्ष्य अगले 5 वर्षों में $5 अरब निर्धारित किया गया है।
- जॉर्डन, वेस्ट एशिया में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यस्थाओं में शामिल है।
- सहयोग के प्राथमिक क्षेत्र: डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, नवीकरणीय ऊर्जा, एग्री-टेक।
भारत और जॉर्डन के बीच यह नया आर्थिक संवाद केवल व्यापार आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच साझा विश्वास, सभ्यतागत संबंधों और दीर्घकालिक सहयोग पर आधारित एक गहन साझेदारी की ओर इशारा करता है। इस फोरम में विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि भारत और जॉर्डन आर्थिक सहयोग के एक नए युग की ओर अग्रसर हैं।