भारत‑जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को नई गति: चांसलर मर्ज़ की आगामी भारत यात्रा पर वैश्विक नजरें
भारत अपनी कूटनीतिक रणनीति को व्यापक रूप देते हुए यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को नई दिशा दे रहा है। इसी क्रम में जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ जनवरी में नई दिल्ली का दौरा करने वाले हैं। यह यात्रा रूस के राष्ट्रपति की हालिया भारत यात्रा के ठीक बाद और आगामी भारत‑यूरोप संघ (EU) शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है, जिससे भारत की संतुलित वैश्विक कूटनीति का संकेत मिलता है।
भारत‑जर्मनी रणनीतिक साझेदारी में तेजी
इस उच्चस्तरीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेता व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार और कौशल आधारित गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करेंगे। भारत और जर्मनी हरित और सतत विकास, साथ ही रक्षा और सुरक्षा के मोर्चे पर भी गहरी साझेदारी की दिशा में अग्रसर हैं।
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई पिछली बैठकों में इस रणनीतिक रिश्ते के विस्तार की नींव रखी गई थी, जिसे अब और मजबूत किया जाएगा।
यूरोपीय चिंता और भारत की संतुलनकारी भूमिका
रूस‑यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में जर्मनी यूक्रेन का प्रबल समर्थक रहा है और यूरोप की सुरक्षा को इंडो‑पैसिफिक में स्थिरता से जोड़कर देखता है। भारत का रूस के साथ निरंतर संवाद यूरोपीय राजधानियों की निगाह में रहा है, परंतु भारत की वार्ताएं मुख्य रूप से आर्थिक सहयोग पर केंद्रित थीं, जिससे यूरोपीय देशों को संतोष मिला है।
भारत ने अब तक रूस और पश्चिम के बीच संतुलन बनाए रखा है — एक ओर वह रूस से ऊर्जा और रक्षा सहयोग जारी रखे हुए है, वहीं दूसरी ओर यूरोपीय देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती दे रहा है।
इंडो‑पैसिफिक में साझा प्राथमिकताएं
चीन की आक्रामक रणनीतियों को लेकर जर्मनी और भारत दोनों समान चिंता साझा करते हैं। इंडो‑पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता को लेकर दोनों देशों का रणनीतिक दृष्टिकोण अब अधिक समन्वित होता जा रहा है।
चांसलर मर्ज़ की यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग पर खास चर्चा होने की संभावना है। यह दौरा भारत और जर्मनी के बीच विश्वास और सामरिक समझ को और सुदृढ़ करेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत‑EU शिखर सम्मेलन 27 जनवरी को प्रस्तावित है।
- चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ का यह भारत का पहला आधिकारिक दौरा होगा।
- भारत और EU के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और सुरक्षा साझेदारी पर वार्ता जारी है।
- जर्मनी भारत का हरित विकास में प्रमुख भागीदार है और कई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश कर रहा है।
भारत और जर्मनी ने हाल ही में “हरित और सतत विकास साझेदारी” के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु वित्त और तकनीकी सहयोग को गति देने की प्रतिबद्धता दोहराई है। चांसलर मर्ज़ की यह यात्रा न केवल इन क्षेत्रों में ठोस परिणामों को गति देगी, बल्कि भारत‑यूरोप संबंधों को भी एक नई व्यापक दिशा दे सकती है। भारत की संतुलनकारी कूटनीति और वैश्विक नेतृत्व की रणनीति इस यात्रा से और सशक्त होगी।