भारत को UN-GGIM-AP की क्षेत्रीय समिति का सह-अध्यक्ष चुना गया
भारत को संयुक्त राष्ट्र वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन (UN-GGIM) की एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय समिति (UN-GGIM-AP) का सह-अध्यक्ष चुना गया है। यह कार्यकाल तीन वर्षों तक, यानी 2028 तक जारी रहेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस नियुक्ति को भारत की वैश्विक भू-स्थानिक नेतृत्व की बढ़ती स्वीकृति और नवाचार, क्षमता निर्माण तथा क्षेत्रीय सहयोग में इसके योगदान की मान्यता बताया है।
भू-स्थानिक क्षेत्र में भारत की भूमिका
भारत की यह नियुक्ति यह दर्शाती है कि देश अब केवल भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोगकर्ता नहीं रहा, बल्कि नवाचार और नीति-निर्माण के स्तर पर भी नेतृत्व कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर भू-स्थानिक डेटा की सहज उपलब्धता, डिजिटल मैपिंग, और रियल-टाइम एप्लिकेशन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ और ‘गति शक्ति’ जैसे कार्यक्रमों में भू-स्थानिक सूचना का केंद्रीय महत्व रहा है।
UN-GGIM-AP का उद्देश्य और कार्यप्रणाली
UN-GGIM-AP, संयुक्त राष्ट्र भू-स्थानिक सूचना विशेषज्ञ समिति की पाँच क्षेत्रीय समितियों में से एक है। यह समिति एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 56 देशों की राष्ट्रीय भू-स्थानिक एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य भू-स्थानिक सूचना के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों को अधिकतम करना है।
इस समिति की कार्यप्रणाली में निम्नलिखित पहलुओं पर ज़ोर दिया जाता है:
- क्षेत्रीय सहयोग और अनुभवों का साझा करना
- क्षमता विकास और तकनीकी ज्ञान का प्रसार
- संयुक्त समाधानों और मानकों का निर्माण
- आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन, जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में भू-स्थानिक डेटा का उपयोग
गोयांग-सी (कोरिया) में हुआ चुनाव
यह चुनाव UN-GGIM-AP की चौदहवीं पूर्ण बैठक के दौरान हुआ, जो पिछले महीने 24 से 26 तारीख तक गोयांग-सी, रिपब्लिक ऑफ कोरिया में आयोजित की गई थी। इस बैठक की मेज़बानी कोरिया की नेशनल जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन इंस्टिट्यूट ने की थी। इस मंच पर भारत की सहभागिता और नेतृत्व ने पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसकी भू-स्थानिक क्षमताओं को पहचान दिलाई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- UN-GGIM की स्थापना 2011 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा भू-स्थानिक सूचना के वैश्विक समन्वय के लिए की गई थी।
- भारत में भू-स्थानिक डेटा को मुक्त करने की नीति 2021 में लागू की गई थी।
- ISRO, Survey of India और NIC जैसी संस्थाएँ भारत में भू-स्थानिक क्षेत्र का नेतृत्व करती हैं।
- “गति शक्ति” प्लेटफॉर्म मल्टी-मॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना के लिए एकीकृत भू-स्थानिक डेटा का उपयोग करता है।