भारत को अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (IIAS) की अध्यक्षता: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (International Institute of Administrative Sciences – IIAS) की 2025-2028 की अध्यक्षता के लिए एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है। यह पहला अवसर है जब भारत ने इस वैश्विक संस्था की अध्यक्षता प्राप्त की है और साथ ही यह भी पहली बार है कि संस्था के 100 वर्षों के इतिहास में अध्यक्ष का चुनाव मतदान प्रक्रिया के माध्यम से किया गया।
IIAS क्या है?
IIAS एक वैश्विक महासंघ है जिसमें:
- 31 सदस्य देश,
- 20 राष्ट्रीय अनुभाग और
- 15 अकादमिक अनुसंधान केंद्र शामिल हैं।
इसका मुख्य उद्देश्य लोक प्रशासन पर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। IIAS का संयुक्त राष्ट्र के साथ भी करीबी कार्य-संबंध है, विशेषकर CEPA (Committee of Experts on Public Administration) और UNPAN (UN Public Administration Network) के माध्यम से।
भारत की भूमिका और जीत
- भारत 1998 से IIAS का सदस्य रहा है और इस वर्ष के चुनाव में भारत ने DARPG सचिव श्री वी. श्रीनिवास को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया था।
- अध्यक्ष पद के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन ने नामांकन दाखिल किया था। अंतिम दौर में भारत और ऑस्ट्रिया के बीच मुकाबला हुआ।
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चुनाव परिणाम (3 जून 2025):
- भारत: 87 वोट (61.7%)
- ऑस्ट्रिया: 54 वोट (38.3%)
- दक्षिण अफ्रीका ने मई 2025 में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।
भारत की अध्यक्षता का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “अधिकतम शासन – न्यूनतम सरकार” के विज़न को आगे बढ़ाते हुए भारत की अध्यक्षता निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी:
- डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण
- संस्थागत डिजिटल परिवर्तन
- नवीनतम प्रशासनिक सुधारों का दस्तावेजीकरण
- उत्तर-दक्षिण विभाजन को पाटना, यानी विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना
- समावेशिता और एकता को बढ़ावा देना
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IIAS की स्थापना: लगभग 100 वर्ष पूर्व
- भारत IIAS का सदस्य: 1998 से
- चुनाव प्रक्रिया द्वारा अध्यक्ष चयन: पहली बार 2025 में
- चुनाव स्थल: भारत मंडपम, नई दिल्ली
- DARPG: Department of Administrative Reforms and Public Grievances, भारत सरकार
- UNPAN और CEPA: संयुक्त राष्ट्र की लोक प्रशासन शाखाएँ, जिनसे IIAS जुड़ा है