भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की अद्वितीय सफलता और भविष्य की दिशा

भारत में टीकाकरण सार्वजनिक स्वास्थ्य की सबसे प्रभावशाली और किफायती रणनीतियों में से एक रही है, जिसने लाखों जिंदगियों को बचाया है। भारत का यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम है, जो प्रतिवर्ष 2.6 करोड़ शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को मुफ्त टीके प्रदान करता है। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की मृत्यु दर में भारी गिरावट लाने में सहायक रहा है, बल्कि देश की महामारी-तैयारी की आधारशिला भी बना है।

टीकाकरण कवरेज में सुधार की पहलें

साल 2014 में भारत की पूर्ण टीकाकरण कवरेज केवल 62% थी। इसे 90% तक पहुँचाने के उद्देश्य से मिशन इंद्रधनुष (MI) 2014 में शुरू किया गया। इसके बाद 2017 में इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष (IMI) की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य कम कवरेज वाले क्षेत्रों और छूटे हुए लोगों को लक्षित करना था। 2023 तक इसके 12 चरणों में 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया गया। ये कार्यक्रम ग्राम स्वराज अभियान जैसे ग्रामीण अभियानों में एकीकृत होकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
UIP के अंतर्गत पिछले दशक में छह नए टीकों को शामिल किया गया: टिटनेस और एडल्ट डिफ्थीरिया, इनएक्टिवेटेड पोलियोवायरस, खसरा-रुबेला, रोटावायरस, न्यूमोकोकल संयुग्म टीका और जापानी इंसेफेलाइटिस। इससे न केवल बीमारियों की रोकथाम सुदृढ़ हुई, बल्कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती भी मिली।

कोविड-19 और टीकाकरण की नई दिशा

कोविड-19 महामारी ने रूटीन टीकाकरण को प्रभावित किया, जिससे खसरा जैसे रोगों के प्रकोप दोबारा देखे गए। इसके जवाब में IMI 5.0 और 2025 में शुरू हुआ ‘ज़ीरो मीसल्स-रुबेला एलिमिनेशन कैंपेन’ टीकाकरण को गति देने में महत्वपूर्ण रहे। इस प्रयास का लक्ष्य 95% राष्ट्रीय खसरा-रुबेला कवरेज प्राप्त करना है।
भारत की कोविड-19 टीकाकरण सफलता वैश्विक स्तर पर सराही गई, जिसमें 2023 तक 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी थीं। ‘को-विन’ प्लेटफॉर्म की सफलता को देखते हुए, ‘यू-विन’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए डिजिटल रिकॉर्ड और टीकाकरण ट्रैकिंग की सुविधा देता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत ने पोलियो मुक्त स्थिति 2011 में प्राप्त की और अब तक इसे बनाए रखा है।
  • 2015 में भारत ने मातृ और नवजात टिटनेस उन्मूलन हासिल किया।
  • 2016 में भारत को यॉज (Yaws) मुक्त घोषित किया गया।
  • 2024 में भारत को ‘Measles and Rubella Champion Award’ से सम्मानित किया गया।

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