भारत के विमानन क्षेत्र के लिए DGCA का ‘विशेष ऑडिट’ फ्रेमवर्क: एक समग्र सुरक्षा दृष्टिकोण

भारतीय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा और नियामक निगरानी को नया आयाम देने के उद्देश्य से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में एक ‘व्यापक विशेष ऑडिट’ फ्रेमवर्क जारी किया है। यह पहल भारत में विमानों, हवाई अड्डों, प्रशिक्षण संस्थानों, मरम्मत सेवाओं और जमीनी संचालन एजेंसियों सहित पूरे विमानन पारिस्थितिकी तंत्र का समग्र मूल्यांकन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

एकीकृत मूल्यांकन प्रणाली की आवश्यकता

अब तक DGCA की विभिन्न शाखाएं अपने-अपने क्षेत्रों में अलग-अलग निरीक्षण और ऑडिट करती रही हैं, जिनमें नियोजित और अनियोजित निगरानी, आकस्मिक निरीक्षण और रैम्प जांच शामिल होती थी। ये प्रक्रियाएं आम तौर पर किसी एक विमानन क्षेत्र की सुरक्षा और अनुपालन पर केंद्रित होती थीं। लेकिन हाल ही में 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की भयावह घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि पूरे विमानन तंत्र की एक समेकित और समग्र जांच की आवश्यकता है।

ऑडिट प्रक्रिया और संरचना

19 जून को जारी सर्कुलर के अनुसार, यह नया ऑडिट फ्रेमवर्क तीन प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित होगा — सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (SMS) की प्रभावशीलता, संचालन पद्धतियों की मजबूती, और नियामकीय प्रावधानों का अनुपालन। इस प्रक्रिया में दस्तावेज़ समीक्षा, स्थल निरीक्षण, स्टाफ इंटरव्यू, सुरक्षा डेटा विश्लेषण और प्रशिक्षण रिकॉर्ड की जांच जैसी बहुआयामी तकनीकें शामिल होंगी।
प्रत्येक ऑडिट बहु-विषयक टीमों द्वारा किया जाएगा, जिनका नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा और इनमें DGCA की विभिन्न शाखाओं के प्रतिनिधि, और आवश्यकता पड़ने पर बाहरी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

अनुपालन और प्रवर्तन नीति

DGCA ने स्पष्ट किया है कि ऑडिट रिपोर्ट की गंभीरता के आधार पर ऑडिट की गई संस्थाओं को 7 से 90 दिनों के भीतर सुधारात्मक कार्ययोजना प्रस्तुत करनी होगी। इस योजना में मूल कारणों का विश्लेषण, समाधानात्मक कदम, निवारक उपाय और कार्यान्वयन की समय-सीमा शामिल होनी चाहिए। असहयोग या गैर-अनुपालन की स्थिति में जुर्माना, परिचालन प्रतिबंध, या लाइसेंस रद्द करने जैसी दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • DGCA (Directorate General of Civil Aviation) भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की नियामक संस्था है, जिसकी स्थापना 1929 में हुई थी।
  • ICAO (International Civil Aviation Organisation) संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो वैश्विक विमानन मानकों को निर्धारित करती है।
  • SMS (Safety Management System) विमानन क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी जोखिमों की पहचान और प्रबंधन की एक व्यवस्थित प्रक्रिया है।
  • भारत में प्रत्येक हवाई अड्डे और एयरलाइन के लिए वार्षिक सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य है, लेकिन अब नए फ्रेमवर्क से यह प्रक्रिया और सशक्त होगी।

DGCA का यह कदम भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र की सुरक्षा, पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। विशेष ऑडिट के जरिए न केवल सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि सभी हितधारकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी, जिससे भारतीय विमानन उद्योग वैश्विक मंच पर और अधिक विश्वसनीय बन सकेगा।

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