भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को मिलेगा 1000 करोड़ का निवेशीय बल
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने संयुक्त रूप से 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य देश के उभरते निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता प्रदान कर नवाचार, स्वदेशी तकनीक और औद्योगिक क्षमता को सशक्त बनाना है।
औपचारिक शुरुआत और सेबी की स्वीकृति
यह फंड औपचारिक रूप से उस समय प्रारंभ हुआ जब इन-स्पेस के संयुक्त सचिव लोचन सेहरा (IAS) और सिडबी वेंचर कैपिटल लिमिटेड (SVCL) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अरूप कुमार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्वीकृति प्राप्त है, जिसके बाद निवेश प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से प्रारंभ किया गया। अक्टूबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस फंड को मंजूरी दी थी। सिडबी इस फंड का प्रबंधनकर्ता (Fund Manager) होगा।
निवेश का फोकस और रणनीतिक उद्देश्य
यह फंड मुख्य रूप से उन स्टार्टअप्स में निवेश करेगा जो उपग्रह निर्माण, प्रक्षेपण यान (लॉन्च व्हीकल) विकास, अंतरिक्ष सेवाओं, पृथ्वी अवलोकन, संचार प्रणाली और डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस पहल का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र की पूरी वैल्यू चेन में नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना है। साथ ही, यह निजी निवेशकों को इस क्षेत्र में आकर्षित करेगा, जो अब तक सरकारी एजेंसियों के वर्चस्व में रहा है।
संस्थागत सहयोग और राष्ट्रीय दृष्टि
इन-स्पेस के संयुक्त सचिव लोचन सेहरा ने कहा कि यह फंड भारत की निजी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक “मुख्य प्रोत्साहक” साबित होगा। उनके अनुसार, इस फंड से स्टार्टअप्स को अपनी स्वदेशी तकनीकों और उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आवश्यक पूंजी और अवसर प्राप्त होंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 1000 करोड़ रुपये का स्पेस वेंचर कैपिटल फंड अक्टूबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया।
- सिडबी वेंचर कैपिटल लिमिटेड (SVCL) को इस फंड का प्रबंधन सौंपा गया है।
- यह फंड उपग्रह, लॉन्च व्हीकल और डाउनस्ट्रीम स्पेस सेवाओं से जुड़े स्टार्टअप्स को समर्थन देगा।
- इन-स्पेस, अंतरिक्ष विभाग (Department of Space) के अंतर्गत कार्य करता है।
आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप नया अध्याय
सिडबी के सीईओ अरूप कुमार के अनुसार, अंतरिक्ष क्षेत्र भारत के भविष्य के आर्थिक और तकनीकी विकास का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह फंड देश में शोध, नवाचार और स्वदेशी तकनीकी व्यावसायीकरण को प्रोत्साहित करेगा। इससे न केवल निजी कंपनियों को अंतरिक्ष अनुसंधान में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, बल्कि भारत की छवि एक उभरती वैश्विक स्पेस पावर के रूप में और सशक्त होगी।