भारत की सौर ऊर्जा क्रांति: नवीकरणीय ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक कदम

भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखते हुए ‘Solar PV Potential Assessment Report’ का अद्यतन संस्करण जारी किया और ‘Solar Cell and Module Manufacturing’ पर पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE), गुरुग्राम में प्रारंभ किया। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने इन दोनों पहलों का शुभारंभ ‘सेवा पर्व’ के अंतर्गत किया।
सौर ऊर्जा क्षमता का वैज्ञानिक आकलन
नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में ग्राउंड-माउंटेड सौर पीवी (Photovoltaic) की संभावित क्षमता लगभग 3,343 गीगावाट पीक (GWp) आंकी गई है, जिसमें केवल 6.69% चिन्हित अनुपयोगी भूमि का उपयोग शामिल है। यह रिपोर्ट पहले 2014 के अनुमान (749 GWp) की तुलना में कई गुना अधिक है और अत्याधुनिक GIS, सैटेलाइट डेटा और भूमि उपयोग मॉडलों पर आधारित है।
भारत की औसत सौर विकिरण क्षमता 3.5 से 5.5 kWh/m²/दिन है, जो देश को विश्व के अग्रणी सौर ऊर्जा उत्पादक देशों की पंक्ति में लाती है। राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के अलावा कई अन्य राज्यों में भी उच्च सौर क्षमता पाई गई है।
नारीशक्ति और स्वदेशी उत्पादन की दिशा में प्रशिक्षण
कार्यक्रम के दौरान सौर सेल और मॉड्यूल निर्माण पर पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रारंभ हुआ। यह कोर्स भारतीय सौर उत्पादन उद्योग के लिए कुशल तकनीकी कार्यबल तैयार करेगा। वर्तमान में भारत की सालाना सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता 100 गीगावाट और सौर सेल निर्माण क्षमता 15 गीगावाट से अधिक हो चुकी है।
प्रशिक्षण में गुणवत्ता नियंत्रण, आधुनिक निर्माण प्रक्रियाएं और वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यासों को शामिल किया गया है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और महिला सशक्तिकरण
कार्यक्रम में मंत्री श्री जोशी ने 15 देशों की 28 महिला प्रतिभागियों से संवाद किया, जो ‘International Training Programme on Solar Energy Technologies’ में भाग ले रही थीं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘सोलर दीदी’ की संकल्पना को दोहराते हुए कहा कि नारी शक्ति भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा का नेतृत्व कर रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अद्यतन सौर पीवी क्षमता रिपोर्ट के अनुसार भारत में संभावित ग्राउंड-माउंटेड सौर क्षमता: 3,343 GWp
- सौर विकिरण क्षमता: 3.5 – 5.5 kWh/m²/day
- भारत की वर्तमान नॉन-फॉसिल क्षमता: 250 GW+
- लक्ष्य: 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल क्षमता, 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता, 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन
- सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता: 100 GW+, सौर सेल निर्माण क्षमता: 15 GW+
- प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन स्थल: राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE), गुरुग्राम