भारत की रोजगारयोग्यता दर 2026 में बढ़कर 56.35% हुई: इंडिया स्किल्स रिपोर्ट
भारत की रोजगारयोग्यता दर (Employability Rate) 2026 में बढ़कर 56.35% हो गई है। यह जानकारी इंडिया स्किल्स रिपोर्ट (India Skills Report – ISR) के 13वें संस्करण में दी गई है, जिसे ETS ने CII, AICTE, AIU और Taggd के सहयोग से तैयार किया। यह रिपोर्ट भारत को एक उभरते हुए वैश्विक कौशल केंद्र (Global Skill Hub) के रूप में दर्शाती है, जो डिजिटल नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और गिग अर्थव्यवस्था के विस्तार से प्रेरित है।
भारत का बदलता कौशल परिदृश्य
यह रिपोर्ट ग्लोबल एम्प्लॉयबिलिटी टेस्ट (GET) में भाग लेने वाले एक लाख से अधिक उम्मीदवारों और सात प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर आधारित है। परिणाम बताते हैं कि भारत तेजी से एक कौशल-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। 2022 में जहाँ रोजगारयोग्यता दर 46.2% थी, वहीं 2025 में यह 54.8% और 2026 में बढ़कर 56.3% पर पहुँच गई। यह वृद्धि भारत में डिजिटल स्किलिंग, एआई समर्थित भूमिकाओं और रिमोट वर्क संस्कृति को अपनाने की सफलता को दर्शाती है।
एआई और डिजिटल एकीकरण में भारत की बढ़त
रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब वैश्विक एआई प्रतिभा पूल का 16% हिस्सा रखता है, और यह संख्या 2027 तक 12.5 लाख विशेषज्ञों तक पहुँचने का अनुमान है। देशभर में 90% से अधिक कर्मचारी अब अपने कार्यस्थलों पर जनरेटिव एआई टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। वहीबॉक्स ईटीएस (Wheebox ETS) के सीईओ और रिपोर्ट के मुख्य संयोजक निर्मल सिंह ने कहा कि भारत अब “स्केल, स्किल और टेक्नोलॉजी के संगम” पर खड़ा है यही संयोजन आने वाले दशक में उसे वैश्विक प्रतिभा नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
गिग कार्यबल और क्षेत्रीय विकास
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत का गिग और फ्रीलांस कार्यबल वर्ष 2030 तक 2.35 करोड़ (23.5 मिलियन) तक पहुँच जाएगा, और प्रोजेक्ट-आधारित हायरिंग में 38% वार्षिक वृद्धि होगी। रोजगार सृजन में सबसे आगे रहने वाले क्षेत्र हैं तकनीक, बैंकिंग एवं वित्त (BFSI), विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा। सबसे अधिक मांग वाले कौशल हैं कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा। 2026 में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे अधिक रोजगारयोग्य राज्यों के रूप में उभरे हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत की रोजगारयोग्यता दर 2026 में 56.35% पर पहुँची।
- रिपोर्ट ETS द्वारा CII, AICTE, AIU और Taggd के सहयोग से तैयार की गई।
- भारत के पास वैश्विक एआई प्रतिभा का 16% हिस्सा है, जो 2027 तक 12.5 लाख विशेषज्ञों तक बढ़ेगा।
- गिग कार्यबल 2030 तक 23.5 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।
- 2026 में सबसे रोजगारयोग्य राज्य हैं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक।
वैश्विक प्रतिभा परिदृश्य: एआई और गिग कार्य का नया युग
2026 का विषय “Gig Work, Freelancing, and AI-Supported Roles” भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करता है। रिपोर्ट बताती है कि एआई-एकीकृत कौशल, मॉड्यूलर प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन के साथ भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक अनुकूलनशील और गतिशील कार्यबल तैयार कर रहा है। यह प्रवृत्ति इस बात की पुष्टि करती है कि भारत अब पोस्ट-इंडस्ट्रियल और एआई-चालित वैश्विक रोजगार परिदृश्य में एक प्रमुख योगदानकर्ता बन चुका है।