भारत की राष्ट्रीय भूतापीय ऊर्जा नीति 2025: स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक नया कदम

भारत सरकार ने बुधवार को ‘राष्ट्रीय भूतापीय ऊर्जा नीति 2025’ (National Policy on Geothermal Energy 2025) की अधिसूचना जारी कर दी है। यह नीति देश की नवीकरणीय ऊर्जा संरचना को विविधता प्रदान करने और 2070 तक ‘नेट ज़ीरो’ लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक अहम पहल है। अब तक अछूते रहे भारत के भूतापीय संसाधनों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सतत ऊर्जा स्रोत के रूप में विकसित करना इस नीति का प्रमुख उद्देश्य है।

भूतापीय ऊर्जा: संभावनाओं से भरपूर

भूतापीय ऊर्जा धरती की आंतरिक ऊष्मा से प्राप्त होती है और इसे बिजली उत्पादन के साथ-साथ सीधे अनुप्रयोगों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है — जैसे ज़िला हीटिंग, कृषि, मत्स्य पालन, भवन शीतलन (Ground Source Heat Pumps – GSHPs) आदि। यह ऊर्जा स्रोत लगातार उपलब्ध रहता है और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

नीति की प्रमुख विशेषताएं

नई नीति एक समग्र ढांचा प्रस्तुत करती है जो देशभर में भूतापीय संसाधनों की खोज, विकास और उपयोग को प्रोत्साहित करती है। इसके तहत निम्नलिखित प्रमुख पहलुओं पर बल दिया गया है:

  • अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा: हाइब्रिड जियोथर्मल-सोलर प्लांट्स, परित्यक्त तेल कुओं का पुनः उपयोग और उन्नत भूतापीय प्रणालियाँ (EGS/AGS) विकसित करने हेतु शोध को प्रोत्साहन।
  • अन्य मंत्रालयों और राज्यों के साथ समन्वय: भूतापीय ऊर्जा के विकास में सहयोग हेतु राज्य सरकारों, तेल-गैस कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और अनुसंधान संस्थानों के साथ भागीदारी।
  • गैर-बिजली अनुप्रयोगों पर ध्यान: ग्रीनहाउस कृषि, पर्यटन, जल-शोधन, शीत-भंडारण और भवन ताप-नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में भूतापीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा।
  • वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना: नीति में अंतरराष्ट्रीय अनुभवों और सफल मॉडलों को शामिल किया गया है।

प्रायोगिक चरण की शुरुआत

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने नीति के पहले चरण में पाँच प्रायोगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में भूतापीय संसाधनों की क्षमता का आकलन करना और व्यावसायिक स्तर पर कार्यान्वयन की राह प्रशस्त करना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में भूतापीय ऊर्जा के प्रमुख संभावित क्षेत्र: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश।
  • भूतापीय ऊर्जा के वैश्विक अग्रणी देश: आइसलैंड, केन्या, अमेरिका, फिलीपींस, इंडोनेशिया।
  • भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है, जिसकी घोषणा COP26 सम्मेलन में की गई थी।
  • Ground Source Heat Pumps (GSHPs) कम ऊर्जा में अधिक ताप नियंत्रण प्रदान करते हैं, जो भवनों की ऊर्जा दक्षता बढ़ाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *