भारत की बायोमेडिकल रिसर्च क्रांति: वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ता एक निर्णायक कदम

भारत आज बायोटेक्नोलॉजी-आधारित क्रांति के द्वार पर खड़ा है, जहां बायोमेडिकल रिसर्च राष्ट्रीय विकास और वैश्विक नेतृत्व का आधार बनती जा रही है। आत्मनिर्भर भारत, स्वस्थ भारत, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों के साथ समन्वय में पिछले एक दशक में बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) ने नवाचार, उद्यमिता और क्षमता निर्माण को गति दी है। इसी क्रम में बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण को 2025-26 से 2030-31 तक लागू करने और 2037-38 तक सेवा अवधि बढ़ाने को कैबिनेट से मंजूरी मिली है।
विश्वस्तरीय बायोमेडिकल रिसर्च का रोडमैप
BRCP का उद्देश्य भारत में एक विश्वस्तरीय बायोमेडिकल, क्लीनिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है। इसके अंतर्गत:
- विभिन्न स्तरों पर वैज्ञानिकों को फेलोशिप और सहयोगी अनुदान प्रदान किए जाएंगे।
- अनुसंधान प्रबंधन, विज्ञान प्रशासन और नैतिक शोध प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
- ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में अनुसंधान पहुँचाने पर विशेष बल दिया जाएगा।
BRCP Phase-III की प्रमुख विशेषताएं
- कुल बजट: ₹1,500 करोड़ (DBT ₹1,000 करोड़ + वेलकम ट्रस्ट, यूके ₹500 करोड़)
- समय सीमा:
- 2025–31: अनुसंधान अनुदान व फेलोशिप का वितरण
- 2031–38: सेवा व समर्थन की निरंतरता
- लाभार्थी: 2,000 से अधिक छात्र व पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो
- महिला वैज्ञानिकों के लिए 10–15% अतिरिक्त समर्थन
- 25–30% प्रोजेक्ट्स को TRL-4 (Technology Readiness Level) और उससे ऊपर लाना लक्ष्य
शोध के प्रमुख क्षेत्र
- मानव जेनेटिक्स व जीनोमिक्स: GenomeIndia व UMMID परियोजनाओं से आनुवंशिक बीमारियों की शीघ्र पहचान और उपचार में मदद।
- संक्रामक रोग अनुसंधान: HIV, टीबी, मलेरिया, COVID-19 जैसी बीमारियों के समाधान हेतु बड़े कोहोर्ट अध्ययन और नैदानिक नवाचार।
- टीके: ROTAVAC®, Covaxin जैसी स्वदेशी सफलताएं। Indo-US Vaccine Action Program से अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
- नैदानिक उपकरण: CRISPR आधारित किट, स्वदेशी RT-PCR किट, सस्ते मेडिकल डिवाइस।
- औषधि व पुनः उपयोग (Repurposing): लागत कम कर जल्दी उपचार उपलब्ध कराना।
- बायोमेडिकल इंजीनियरिंग: स्वदेशी इम्प्लांट, वेंटिलेटर, PPE।
- स्टेम सेल व पुनर्योजी चिकित्सा: दीर्घकालिक बीमारियों में नई आशाएं।
- मातृ व शिशु स्वास्थ्य: GARBH-ini परियोजना, प्री-टर्म जन्म और विकास संबंधी रोगों पर अनुसंधान।
- समुद्री जैव प्रौद्योगिकी: ओमेगा-3 जैसे पोषण तत्वों का विकास।
- जनस्वास्थ्य व पोषण: AMR, मधुमेह, मोटापा, कुपोषण पर विज्ञान-आधारित समाधान।
BRCP Phase-II की उपलब्धियां
- ₹2,388 करोड़ का निवेश
- 721 शोध अनुदान
- 70+ COVID परियोजनाओं को फंडिंग
- dbGENVOC – दुनिया का पहला मौखिक कैंसर जीनोमिक डेटाबेस
- राष्ट्रीय AMR मिशन के तहत WHO के सहयोग से रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर काम
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- BRCP की शुरुआत 2008-09 में DBT और UK के वेलकम ट्रस्ट की साझेदारी से हुई।
- फेज-III के लिए ₹1,500 करोड़ का बजट स्वीकृत।
- 2037-38 तक अनुसंधान व फेलोशिप का समर्थन जारी रहेगा।
- DBT की BioCARe, Janaki Ammal, और WInER जैसी योजनाएं महिला वैज्ञानिकों को बढ़ावा देती हैं।
Originally written on
October 11, 2025
and last modified on
October 11, 2025.