भारत की पहली स्वदेशी CRISPR जीन थेरेपी ‘बिरसा 101’ का शुभारंभ

भारत की पहली स्वदेशी CRISPR जीन थेरेपी ‘बिरसा 101’ का शुभारंभ

भारत ने सिकल सेल रोग के इलाज के लिए अपनी पहली स्वदेशी CRISPR आधारित जीन थेरेपी ‘बिरसा 101’ लॉन्च की है। बिरसा मुंडा के सम्मान में नामित यह थेरेपी देश की जीनोमिक चिकित्सा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो उन्नत वैज्ञानिक नवाचार और जनजातीय स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा प्रदान करेगी।

वैज्ञानिक महत्व और आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धि

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री द्वारा इस थेरेपी का शुभारंभ किया गया। यह आत्मनिर्भर भारत पहल के अंतर्गत एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मानी जा रही है। यह थेरेपी CRISPR जीन-संपादन तकनीक का उपयोग करके उस दोषपूर्ण जीन को ठीक करती है जो सिकल सेल रोग का कारण बनता है। इसका उद्देश्य आनुवंशिक रक्त विकारों के लिए दीर्घकालिक और स्थायी समाधान प्रदान करना है, जिससे रोगियों को बार-बार के उपचार से मुक्ति मिल सके।

भारत में सिकल सेल रोग की स्थिति

सिकल सेल रोग मुख्य रूप से भारत के मध्य और पूर्वी हिस्सों के जनजातीय इलाकों में व्यापक रूप से पाया जाता है। यह रोग लंबे समय तक एनीमिया, तीव्र दर्द और अंगों को नुकसान पहुंचाने वाला होता है। बिरसा 101 थेरेपी विशेष रूप से उन समुदायों के लिए विकसित की गई है, जिन्हें अब तक उन्नत चिकित्सा सुविधाओं तक सीमित पहुंच प्राप्त थी। यह पहल देशभर में सिकल सेल एनीमिया के बोझ को घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

विकास, लागत और सहयोग की भूमिका

यह थेरेपी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (CSIR-IGIB) द्वारा विकसित की गई है। इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक स्तर की चिकित्सा तकनीक को अत्यंत कम लागत पर विकसित करने में सक्षम है। एक प्रमुख वैक्सीन और बायोटेक कंपनी के साथ साझेदारी के तहत इस थेरेपी का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। इस सहयोग से enFnCas9 CRISPR प्लेटफ़ॉर्म को अन्य आनुवंशिक रोगों के लिए भी कम लागत वाले उपचारों में बदला जा सकेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • बिरसा 101 भारत की पहली स्वदेशी CRISPR आधारित जीन थेरेपी है।
  • यह थेरेपी CSIR-IGIB द्वारा विकसित enFnCas9 प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को सशक्त बनाना है।
  • वैश्विक स्तर पर ऐसी जीन थेरेपी की लागत ₹20 करोड़ से अधिक होती है, जबकि भारतीय संस्करण अत्यंत किफायती है।

राष्ट्रीय मिशन और भविष्य की स्वास्थ्य दिशा

बिरसा 101 का शुभारंभ भारत को 2047 तक सिकल सेल मुक्त राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है। यह थेरेपी देश के जनजातीय जिलों में चल रहे स्क्रीनिंग और रोकथाम कार्यक्रमों के साथ एकीकृत की जाएगी, जिससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में भी उन्नत उपचार उपलब्ध हो सके। यह पहल न केवल रोग नियंत्रण का माध्यम बनेगी बल्कि भारत को सस्ती, प्रभावी और उन्नत जीन तकनीकों के विकास में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करेगी।

Originally written on November 20, 2025 and last modified on November 20, 2025.

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