भारत की तीसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी INS अरिधमन नौसेना में शामिल होने को तैयार

भारत की तीसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी INS अरिधमन नौसेना में शामिल होने को तैयार

भारत अपनी तीसरी स्वदेशी परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिधमन को नौसेना में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। यह कदम भारत की समुद्री परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को नई मजबूती प्रदान करेगा। नौसेना के अनुसार, यह पनडुब्बी अपने अंतिम परीक्षण चरण में प्रवेश कर चुकी है और जल्द ही इसे औपचारिक रूप से नौसेना में सम्मिलित किया जाएगा।

भारत के परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम में प्रगति

INS अरिधमन का निर्माण भारत के स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम की निरंतर प्रगति को दर्शाता है। हाल ही में INS अरिघात को अगस्त 2025 में स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड में शामिल किया गया था। इसके साथ ही भारत पहली बार एक साथ तीन परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन करेगा INS अरिहंत, INS अरिघात और अब INS अरिधमन। यह क्षमता भारत की ‘द्वितीय प्रहार’ (Second Strike Capability) को और अधिक विश्वसनीय बनाती है, जो देश की परमाणु नीति का मुख्य आधार है।

उन्नत मिसाइल वहन क्षमता और डिजाइन

INS अरिधमन का डिजाइन पहले की पनडुब्बियों की तुलना में अधिक उन्नत है। इसका आकार बड़ा होने के कारण इसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली K-4 परमाणु-सक्षम मिसाइलें अधिक संख्या में तैनात की जा सकेंगी। यह पनडुब्बी अधिक समय तक समुद्र में तैनात रह सकती है और इसकी जीवित रहने की क्षमता (Survivability) भी अधिक है। परियोजना के तहत चौथी पनडुब्बी का निर्माण कार्य जारी है, जो भारत की सामरिक शक्ति को और गहराई प्रदान करेगी।

हिंद महासागर और अफ्रीका में नौसेना की सक्रिय भूमिका

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने हाल ही में ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) पहल के तहत नौ क्षेत्रीय देशों की नौसेनाओं के साथ मिलकर किए गए अभियानों की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, अफ्रीका-भारत संयुक्त समुद्री अभ्यास (Africa-India Key Maritime Exercise) भी दर-एस-सलाम में नौ अफ्रीकी देशों के सहयोग से संपन्न हुआ। इन पहलों का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना और साझा समुद्री सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • INS अरिधमन भारत की तीसरी स्वदेशी परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है।
  • INS अरिघात को अगस्त 2025 में स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड में शामिल किया गया।
  • इस श्रेणी की पनडुब्बियाँ K-4 मिसाइलें ले जाने में सक्षम हैं, जिनकी रेंज लगभग 3,500 किमी तक है।
  • चौथी SSBN (Submersible Ship Ballistic Nuclear) पनडुब्बी निर्माणाधीन है।

नौसेना का आधुनिकीकरण और सामरिक स्थिति

भारतीय नौसेना अपने आधुनिकीकरण के व्यापक कार्यक्रम पर कार्यरत है। नौसेना को वर्ष 2029 तक चार राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त होंगे, जिससे उसकी वायु शक्ति में वृद्धि होगी। वहीं प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत छह उन्नत पारंपरिक पनडुब्बियों की स्वीकृति प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के कैरीयर बैटल ग्रुप की रणनीतिक तैनाती ने पाकिस्तान की नौसेना को अपने तटीय क्षेत्रों तक सीमित रहने को मजबूर कर दिया। यह भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति और तत्परता का स्पष्ट प्रमाण है।

Originally written on December 3, 2025 and last modified on December 3, 2025.

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