भारत की जनगणना 2027: पहली बार डिजिटल, सेल्फ-एन्युमरेशन और जियोटैगिंग की नई पहल

भारत में 2027 में होने वाली अगली जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। छह साल की देरी के बाद होने वाली यह जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें लोग पहली बार स्वयं आंकड़े भरने (Self-enumeration) का विकल्प चुन सकेंगे। साथ ही, 1931 के बाद पहली बार जातिगत आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। लेकिन एक और क्रांतिकारी पहल है — हर इमारत की जियोटैगिंग, जो भारतीय जनगणना इतिहास में पहली बार होने जा रही है।
क्या है जियोटैगिंग और यह क्यों ज़रूरी है?
जियोटैगिंग एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें किसी भवन की भूमध्यरेखा (Latitude) और देशांतर रेखा (Longitude) के अनुसार भौगोलिक स्थिति दर्ज की जाती है, जिसे GIS (Geographic Information System) मैप में देखा जा सकता है। यह किसी भी इमारत को एक अद्वितीय और सटीक पहचान देता है।
इस तकनीक के माध्यम से सरकार को यह स्पष्ट रूप से पता चलेगा कि कितनी इमारतें देश में हैं, वे कहाँ स्थित हैं, और उनमें कितने परिवार या घर रहते हैं। इससे जनगणना में सटीकता, पारदर्शिता और कार्यभार प्रबंधन में भारी सुधार की उम्मीद है।
जियोटैगिंग कैसे की जाएगी?
जनगणना दो चरणों में होती है —
- हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन्स (HLO): अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच, इस चरण में भवनों की गिनती और जियोटैगिंग की जाएगी।
- पॉपुलेशन एन्युमरेशन (PE): इसमें व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे।
जियोटैगिंग प्रक्रिया के तहत:
- हर गणनाकर्मी को एक हाउस लिस्टिंग ब्लॉक (HLB) सौंपा जाएगा।
- वह अपनी मोबाइल एप्लिकेशन में “Current Location” ऑन कर, हर भवन की लोकेशन को रिकॉर्ड करेगा।
- सभी इमारतें ‘आवासीय’, ‘गैर-आवासीय’, ‘आंशिक रूप से आवासीय’ और ‘लैंडमार्क’ जैसी श्रेणियों में वर्गीकृत की जाएंगी।
जनगणना 2027 की अन्य प्रमुख विशेषताएं
- डिजिटल फॉर्मेट: सभी आंकड़े मोबाइल एप के माध्यम से संग्रहित किए जाएंगे। प्रत्येक गणनाकर्मी अपने स्मार्टफोन का उपयोग करेगा।
- सेल्फ-एन्युमरेशन विकल्प: लोग स्वयं ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे।
- व्यक्तिगत जातियों की गणना: 1931 के बाद पहली बार विस्तृत जातिगत आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
- जनगणना भवनों की परिभाषा: किसी इमारत को ‘जनगणना भवन’ तभी माना जाता है जब उसका मुख्य प्रवेश द्वार अलग हो और वह एक स्वतंत्र इकाई के रूप में मान्य हो।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी; 2027 की जनगणना 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं होगी।
- 2011 की जनगणना में 330.84 मिलियन भवन दर्ज किए गए थे, जिनमें से 306.16 मिलियन में लोग रह रहे थे।
- ग्रामीण भारत में 220.70 मिलियन और शहरी भारत में 110.14 मिलियन भवन थे।
- 2027 की जनगणना के लिए ₹14,618.95 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है।
- अनुमानतः 34 लाख से अधिक गणनाकर्मी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।