भारत का सांख्यिकीय तंत्र होगा आधुनिक, वैश्विक रैंकिंग में सुधार पर फोकस

भारत का सांख्यिकीय तंत्र होगा आधुनिक, वैश्विक रैंकिंग में सुधार पर फोकस

भारत ने अपने सांख्यिकीय प्रणाली के आधुनिकीकरण और अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों पर प्रदर्शन सुधारने के लिए व्यापक कदमों की घोषणा की है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने पुष्टि की है कि प्रमुख राष्ट्रीय सूचकांकों की कार्यप्रणाली में संशोधन और वैश्विक रैंकिंग सुधार के लिए समन्वित प्रयास जारी हैं, ताकि आंकड़ों की सटीकता बढ़ाई जा सके और अर्थव्यवस्था में हो रहे संरचनात्मक परिवर्तनों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित किया जा सके।

जीडीपी, सीपीआई और आईआईपी की कार्यप्रणाली में संशोधन

MoSPI देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संकलित करता है। मंत्रालय समय-समय पर इन सूचकांकों का आधार वर्ष (Base Year) बदलता है, ताकि नए आँकड़ों, उभरती उत्पादन प्रवृत्तियों, उपभोग ढाँचों और मूल्य निर्धारण प्रणालियों को शामिल किया जा सके। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों का यथार्थ चित्रण होता है बल्कि नीतिगत निर्णयों की सटीकता भी बढ़ती है।

वैश्विक सूचकांक सुधार और विकास पहल (GIRG)

भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आकलनों में देश के प्रदर्शन को सुधारने के उद्देश्य से “ग्लोबल इंडिसेज़ फॉर रिफॉर्म्स एंड ग्रोथ (GIRG)” नामक पहल शुरू की है। यह पहल 16 अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जारी 26 प्रमुख वैश्विक सूचकांकों की निगरानी करती है। इन्हें चार विषयगत क्षेत्रों अर्थव्यवस्था, विकास, शासन और उद्योग के तहत वर्गीकृत किया गया है। GIRG के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वैश्विक आकलन में भारत के आधिकारिक डेटा का सही प्रतिनिधित्व हो।

नोडल मंत्रालयों की भूमिकाएँ

इस पहल के तहत 17 नोडल मंत्रालयों को अलग-अलग सूचकांकों में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करना, भारत के नवीनतम आंकड़ों को साझा करना, और उन क्षेत्रों की पहचान करना है जहाँ सुधार की आवश्यकता है। नीति आयोग के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (DMEO) को इस पूरी पहल का केंद्रीय समन्वयक बनाया गया है, जो सभी मंत्रालयों के बीच प्रगति की निगरानी और परिणामों का मूल्यांकन करेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GIRG पहल 26 वैश्विक सूचकांकों को चार विषयों में मॉनिटर करती है।
  • DMEO, नीति आयोग इस पहल का केंद्रीय समन्वयक है।
  • MoSPI GDP, CPI और IIP जैसे प्रमुख राष्ट्रीय सूचकांक तैयार करता है।
  • इन सूचकांकों का आधार वर्ष (Base Year) समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संशोधित किया जाता है।

भारत सरकार की यह पहल न केवल सांख्यिकीय गुणवत्ता को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि और नीतिगत पारदर्शिता को भी मजबूत करेगी। केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने राज्यसभा में बताया कि सभी नोडल और संबद्ध मंत्रालयों को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वैश्विक सूचकांकों में भारत की स्थिति में मापनीय प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

Originally written on December 3, 2025 and last modified on December 3, 2025.

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