भारत का पहला वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन: परिवहन क्षेत्र में नई क्रांति

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज हरियाणा के सोनीपत जिले के पंची गुजरान गांव स्थित दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (DICT) में भारत के पहले वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वैकल्पिक ईंधनों और किसानों की आय वृद्धि को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
इलेक्ट्रिक ट्रक और बैटरी स्वैपिंग: प्रदूषण मुक्त भविष्य की ओर
गडकरी जी ने कहा कि आज जिस इलेक्ट्रिक ट्रक की शुरुआत हुई है, वह रेल से भी सस्ता परिवहन साधन बन सकता है। बैटरियों की कीमतों में 50-60% की गिरावट आ चुकी है, जिससे ईवी का भविष्य और उज्जवल हो गया है। यह पहल न केवल ईंधन की बचत करेगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त परिवहन व्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम भी है।
पराली से ईंधन: किसान अब होंगे “फ्यूल प्रदाता”
गडकरी जी ने कहा कि पराली जलाने के बजाय यदि किसान उसे इकट्ठा करके ईंधन उत्पादन में इस्तेमाल करें, तो वे खुद “ईंधन उत्पादक” बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि:
- देश में 50 लाख टन पराली से बायो-बिटुमेन बनाया जा रहा है।
- महाराष्ट्र, नागपुर और जबलपुर में पराली से बनी सड़कें तैयार हो रही हैं।
- कॉर्न (मक्का) से इथेनॉल बनाया जा रहा है, जिससे किसानों के लिए नए बाज़ार खुले हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अब फ्लेक्सी इंजन से लैस कृषि मशीनरी बनाई जा रही है, जो इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधनों से चल सकेगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह भारत का पहला वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन है।
- बैटरी कीमतों में 50-60% की गिरावट आई है।
- पराली से बायो-बिटुमेन और इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन बन रहे हैं।
- भारत में 80 लाख टन कचरे का उपयोग करके नई सड़कें बनाई जा रही हैं।
- देश की लॉजिस्टिक्स लागत अब 6% तक घटी है।