भारत का नया आप्रवासन कानून 2025: विदेशी नागरिकों के लिए बदलती परिभाषाएँ और नीतियाँ

भारत सरकार ने अप्रैल 2025 में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 पारित कर विदेशी नागरिकों, प्रवासियों और आप्रवासन से जुड़ी नीतियों को एकसमान और व्यापक रूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा इसके अंतर्गत नियम, आदेश और छूट आदेश अधिसूचित किए गए हैं, जिससे यह नया कानून प्रभावी हो गया है। यह अधिनियम स्वतंत्रता से पूर्व के चार प्रमुख कानूनों को निरस्त करता है और आधुनिक आप्रवासन चुनौतियों के अनुरूप नया कानूनी ढांचा प्रस्तुत करता है।
आप्रवासन और विदेशियों से जुड़े प्रमुख प्रावधान
2025 के नियमों के अनुसार, पहली बार ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BOI) को कानूनी रूप से इमिग्रेशन धोखाधड़ी की जांच, राज्य सरकारों के साथ समन्वय, और प्रवासी डेटाबेस बनाए रखने जैसी जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। पहले यह कार्य केवल कार्यकारी आदेशों के तहत किया जाता था।
- बायोमेट्रिक संग्रहण अब सभी विदेशी नागरिकों के लिए अनिवार्य किया गया है, जबकि पहले यह केवल कुछ वीज़ा श्रेणियों तक सीमित था।
- सभी शैक्षणिक संस्थानों को विदेशी छात्रों की शैक्षणिक प्रगति और आचरण की रिपोर्ट FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को देनी होगी।
- “नागरिक प्रशासनिक प्राधिकरण” को अब “अवैध प्रवासियों” द्वारा बार-बार उपयोग किए जाने वाले किसी भी परिसर को बंद करने का अधिकार होगा।
फॉरेनर्स ऑर्डर, 2025: न्यायिक शक्ति और नजरबंदी का विस्तार
पहली बार विदेशी न्यायाधिकरणों (FT) को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्ति दी गई है। यदि कोई व्यक्ति यह प्रमाणित नहीं कर पाता कि वह “विदेशी” नहीं है, तो उसे नजरबंदी या होल्डिंग सेंटर भेजा जा सकता है।
- FTs गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर सकते हैं, यदि व्यक्ति न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित नहीं होता।
- असम में FT पहले से कार्यरत हैं; NRC 2019 में 19 लाख लोगों के बहिष्कृत होने के बाद इनकी संख्या बढ़ाई गई थी।
- अब FT की सदस्य संख्या तीन तक सीमित कर दी गई है और एकतरफा आदेशों को 30 दिनों में चुनौती दी जा सकती है।
सीमा सुरक्षा और वापसी प्रक्रिया
BSF और असम राइफल्स को अब कानूनी रूप से यह अधिकार प्राप्त है कि वे अवैध प्रवासियों को रोकें और देश से बाहर भेजें, उनकी बायोमेट्रिक जानकारी और जनसांख्यिकीय विवरण को सरकारी पोर्टल पर दर्ज करते हुए।
प्रवेश निषेध और कारण
अब भारत सरकार कुछ अपराधों या गतिविधियों में संलिप्त विदेशी नागरिकों को प्रवेश से मना कर सकती है। इनमें शामिल हैं: जासूसी, आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, नकली दस्तावेज़, साइबर अपराध, बच्चों के प्रति अपराध आदि।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 ने 1920, 1939, 1946 और 2000 के चार कानूनों को निरस्त कर दिया है।
- पहली बार ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BOI) को कानूनी अधिकार प्रदान किए गए हैं।
- असम में वर्तमान में 100 विदेशी न्यायाधिकरण कार्यरत हैं।
- NRC 2019 में 19 लाख लोगों को बाहर किया गया था, जिन्हें FTs में सुनवाई का अवसर मिलना है।