भारत का अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद में पुनर्निर्वाचन: वैश्विक समुद्री नेतृत्व की पुष्टि
भारत ने 2026-27 के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद में पुनर्निर्वाचन हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल भारत की वैश्विक समुद्री शासन में स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दुनिया भारत की समुद्री सुरक्षा, स्थिरता और सहयोग की नीति पर विश्वास करती है।
भारत की भूमिका और श्रेणी (b) सदस्यता
भारत को 34वें IMO सत्र के दौरान लंदन में हुए चुनावों में 169 मान्य मतों में से 154 मत प्राप्त हुए। भारत श्रेणी (b) का सदस्य है, जिसमें वे देश शामिल हैं जिनका अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे बड़ा हित होता है। इस श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हैं। IMO परिषद में विभिन्न श्रेणियों के तहत ऐसे सदस्य होते हैं जो वैश्विक शिपिंग सेवाओं के प्रमुख प्रदाता हैं या विशेष भौगोलिक और आर्थिक कारणों से चयनित किए जाते हैं।
पुनर्निर्वाचन का महत्व
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस परिणाम को देश की सतत शिपिंग नीति, समुद्री सुरक्षा और ‘ग्लोबल साउथ’ के साथ सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता की अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति बताया। यह पुनर्निर्वाचन भारत की भूमिका को और सशक्त बनाता है, जिससे वह IMO जैसी संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की नीतियों को प्रभावित कर सके, जो वैश्विक स्तर पर समुद्री सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और शिपिंग मानकों को निर्धारित करती है। यह भारत के बढ़ते समुद्री प्रभाव और वैश्विक समुद्री कूटनीति में उसकी रचनात्मक भूमिका का प्रमाण है।
रणनीतिक समुद्री दृष्टि और वैश्विक जुड़ाव
बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने ‘विजन महासागर’ (Vision MAHASAGAR) की भूमिका पर बल दिया, जो पहले के ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) ढांचे का वैश्विक विस्तार है। यह नीति ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग पर केंद्रित है और भारत के राष्ट्रीय समुद्री कार्यक्रमों जैसे ‘Maritime Vision 2030’ तथा ‘Maritime अमृत काल 2047’ के अनुरूप है। इन पहलों का उद्देश्य भारत को एक अग्रणी समुद्री शक्ति के रूप में विकसित करना है, जिसमें बंदरगाह अवसंरचना, लॉजिस्टिक्स आधुनिकीकरण और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत को IMO परिषद में 2026-27 के लिए 154 मतों से पुनर्निर्वाचित किया गया।
- IMO, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है जो समुद्री सुरक्षा, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित है।
- भारत श्रेणी (b) का सदस्य है, जिसमें प्रमुख समुद्री व्यापारिक राष्ट्र शामिल हैं।
- ‘विजन महासागर’ (Vision MAHASAGAR) नीति ग्लोबल साउथ के साथ भारत की समुद्री साझेदारी को बढ़ावा देती है।
भारत मैरीटाइम वीक 2025 से मिली गति
भारत के पुनर्निर्वाचन से ठीक पहले आयोजित ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ में ₹12 लाख करोड़ से अधिक मूल्य के 600 से अधिक समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए। इस आयोजन में ₹2.2 लाख करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता भी की गई। ये विकास भारत की समुद्री महत्वाकांक्षाओं और वैश्विक शिपिंग शासन में उसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हैं।