भारत–कनाडा व्यापार वार्ता पुनः शुरू, 2030 तक व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य
भारत और कनाडा ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) पर वार्ता को पुनः प्रारंभ करने पर सहमति जताई है। यह निर्णय दो वर्षों की कूटनीतिक ठहराव के बाद लिया गया है और दोनों देशों की बदलती वैश्विक व्यापार प्राथमिकताओं के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की साझा इच्छा को दर्शाता है।
उच्चस्तरीय मुलाकात और नई प्रतिबद्धता
जोहनसबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई। दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने के लक्ष्य के साथ एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि नई वार्ता दोनों देशों के व्यवसायों के लिए बड़े अवसर खोलेगी।
कूटनीतिक पुनर्स्थापना की पृष्ठभूमि
2023 में एक कनाडाई सिख अलगाववादी की हत्या से जुड़े आरोपों के कारण भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते CEPA वार्ता स्थगित कर दी गई थी। हालांकि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार में सीमित वृद्धि हुई। 2025 में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और कार्नी की मुलाकात के बाद द्विपक्षीय संवाद में नया उत्साह देखने को मिला, जिसने राजनीतिक विश्वास को पुनर्स्थापित करने में भूमिका निभाई।
वर्तमान व्यापार स्थिति और सहयोग के क्षेत्र
2024 में भारत और कनाडा के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार लगभग 31 अरब कनाडाई डॉलर तक पहुँचा, जिसमें कनाडा को सेवाओं के क्षेत्र में बढ़त रही। दोनों देशों ने अपने दीर्घकालिक परमाणु सहयोग की पुनः पुष्टि की और यूरेनियम आपूर्ति समझौतों पर चर्चा जारी रखने पर सहमति जताई। कनाडा अब अपनी निर्यात रणनीति को अमेरिका से परे विविधता देने की दिशा में भारत को एक विश्वसनीय बाजार के रूप में देख रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत और कनाडा ने CEPA वार्ता को पुनः प्रारंभ किया।
- लक्ष्य: 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाना।
- 2024 में व्यापार लगभग 31 अरब कनाडाई डॉलर रहा।
- दोनों देशों ने नाभिकीय सहयोग और यूरेनियम आपूर्ति वार्ता की पुष्टि की।
- संबंधों में सुधार की शुरुआत 2025 G7 शिखर सम्मेलन में मोदी–कार्नी मुलाकात से हुई।
भविष्य की दिशा और रणनीतिक महत्व
अधिकारियों का मानना है कि संभावित CEPA समझौता व्यापार नियमों, विवाद निपटान तंत्र और निवेश सुरक्षा को अधिक स्पष्ट बनाएगा। कनाडा समानांतर रूप से मर्कोसुर देशों के साथ भी व्यापार वार्ता को आगे बढ़ा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। भारत के लिए यह वार्ता उसके वैश्विक आर्थिक साझेदारी नेटवर्क को और सशक्त बनाने का एक अहम कदम है।