भारत और रूस 2+2 वार्ता का आयोजन करेंगे

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने हाल ही में रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों ने परमाणु, अंतरिक्ष, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्य बिंदु
- दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान, ईरान और सीरिया जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
- एस. जयशंकर के अनुसार, भले ही दुनिया भर में बहुत सी चीजें बदल रही हों, रूस के साथ भारत के संबंध स्थिर रहे हैं और सुरक्षा, वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान दिया है।
- उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत को रूस के समर्थन की भी सराहना की। भारत स्पुतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन का उत्पादन और उपयोग करने के लिए रूस का भागीदार बन गया है।
- वे विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए।
- दोनों नेताओं ने विशेष रूप से उत्तर-दक्षिण गलियारे (North-South Corridor) पर कनेक्टिविटी पर भी चर्चा की।
भारत-रूस हालिया सहयोग
भारत और रूस के बीच सहयोग अंतरिक्ष, ऊर्जा, परमाणु और रक्षा क्षेत्रों पर केंद्रित है। दोनों देश तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना (Kudankulam Nuclear Power Plant) पर काम कर रहे हैं। कुडनकुलम संयंत्र की इकाई पांच के लिए कंक्रीट का पहला बंदरगाह बन चुका है। रूस अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का मूल और मजबूत भागीदार भी है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग काफी मजबूत हुआ है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम में रूसी रुचि के कारण रक्षा सैन्य-तकनीकी सहयोग के साथ-साथ औद्योगिक सहयोग भी मजबूत हुआ है।
Originally written on
July 10, 2021
and last modified on
July 10, 2021.