भारत और मॉरीशस ने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत और मॉरीशस ने एक व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह किसी भी अफ्रीकी देश के साथ इस प्रकार क पहला व्यापार समझौता था। इस पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जुगनाथ और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए थे। CECPA को भारतीय मंत्रिमंडल ने 17 फरवरी, 2021 को मंजूरी दी थी। यह मार्च, 2021 से लागू होगा।

व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (CECPA)

  • इस सीमित समझौते के अनुसार, भारत को मॉरीशस में बाजारों में तरजीही पहुँच दी जाएगी।
  • दूसरी ओर भारत को 310 उत्पादों तक पहुंच मिलेगी, मॉरीशस को 615 उत्पादों तक पहुंच मिलेगी।
  • भारत को 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों में 115 उप-क्षेत्रों तक भी पहुंच मिलेगी।
  • भारत को खाद्य और पेय पदार्थ, कृषि उत्पाद, वस्त्र और वस्त्र आदि जैसे सामान तक पहुंच मिलेगी, जबकि मॉरीशस में जमी हुई मछली, बिस्कुट, चीनी, ताजे फल, रस इत्यादि तक पहुंच मिलेगी।
  • इन क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार शामिल हैं।
  • यह समझौता कुशल पेशेवरों की निर्बाध आवाजाही की अनुमति भी देता है।

समझौते का महत्व

यह पहला व्यापार समझौता है, जिस पर “आत्मनिर्भर भारत पहल” लांच होने के बाद हस्ताक्षर किये गये हैं। इसके अलावा, यह पहला समझौता था जिसमें भारत ने किसी अफ्रीकी राष्ट्र के साथ हस्ताक्षर किए जहां चीन का आर्थिक प्रभुत्व है। इस प्रकार, यह समझौता चीन का मुकाबला करने के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, संधि अन्य अफ्रीकी राष्ट्रों के साथ इस तरह की और अधिक संधि के लिए मंच तैयार करेगी।

भारत-मॉरीशस व्यापार संबंध

भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2005-06 में 207 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2020 में $690 मिलियन हो गया है। इस व्यापार में 233% की वृद्धि हुई है। साथ ही, मॉरीशस को भारत का निर्यात उसी अवधि में $ 199 मिलियन से बढ़कर $ 662 मिलियन हो गया है। इसमें 232% की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, मॉरीशस से भारत का आयात $ 7 मिलियन से बढ़कर लगभग $ 28 मिलियन हो गया है।

Originally written on February 23, 2021 and last modified on February 23, 2021.

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