भारत और मालदीव के बीच 14वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन 2025’ शुरू
भारत और मालदीव ने अपने वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन’ (Ekuverin) का 14वां संस्करण तिरुवनंतपुरम में आरंभ किया है। यह प्रशिक्षण 2 से 15 दिसंबर तक चलेगा और दोनों देशों की दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी तथा क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
आतंकवाद-रोधी और विद्रोह-रोधी अभियानों पर फोकस
इस अभ्यास में भारतीय सेना और मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के सैनिक संयुक्त रूप से भाग ले रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य काउंटर-इंसर्जेंसी (CI) और काउंटर-टेरर (CT) अभियानों में सहयोगात्मक कौशल को परिष्कृत करना है। अभ्यास के दौरान अर्ध-शहरी, जंगल और तटीय इलाकों जैसी विविध परिस्थितियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो हिंद महासागर क्षेत्र में संभावित परिचालन परिदृश्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस वर्ष विशेष रूप से आधुनिक रक्षा तकनीकों के एकीकरण पर बल दिया जा रहा है।
सामरिक समन्वय और अनुभव साझा करने का मंच
‘एकुवेरिन’ का प्रमुख उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी यानी समन्वय क्षमता को बढ़ाना है। संयुक्त ड्रिल, सामरिक आदान-प्रदान और क्रॉस-ट्रेनिंग मॉड्यूल के माध्यम से सैनिक वास्तविक परिस्थितियों में संयुक्त संचालन का अनुभव प्राप्त करेंगे। यह अभ्यास न केवल रणनीतिक दक्षता को बढ़ाता है बल्कि दोनों सेनाओं के बीच मित्रता और विश्वास को भी और मजबूत करता है।
भारत-मालदीव रक्षा संबंधों के परिप्रेक्ष्य में एकुवेरिन
‘एकुवेरिन’ शब्द धिवेही भाषा में “दोस्त” का अर्थ रखता है। यह अभ्यास भारत और मालदीव के बीच बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही द्विपक्षीय अभ्यास ‘एकथा’ (Ekatha) और श्रीलंका के साथ आयोजित त्रिपक्षीय अभ्यास ‘दोस्ती’ (Dosti) मिलकर दोनों देशों की रक्षा साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं। ये अभ्यास सांस्कृतिक, भाषाई और आर्थिक संबंधों पर आधारित ऐतिहासिक सहयोग को और सुदृढ़ करते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘एकुवेरिन 2025’ तिरुवनंतपुरम में 2 से 15 दिसंबर तक आयोजित हो रहा है।
- यह अभ्यास जंगल, अर्ध-शहरी और तटीय इलाकों में CI/CT अभियानों पर केंद्रित है।
- ‘एकुवेरिन’ शब्द का अर्थ धिवेही भाषा में “दोस्त” होता है।
- भारत और मालदीव अन्य अभ्यास ‘एकथा’ और ‘दोस्ती’ (श्रीलंका सहित) भी करते हैं।
हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक महत्व
यह अभ्यास भारत की “Neighbourhood First” नीति और SAGAR (Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण के अनुरूप है। भारत मालदीव का प्रमुख सुरक्षा साझेदार माना जाता है, और यह संयुक्त प्रशिक्षण हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री स्थिरता, आतंकवाद-रोधी सहयोग और क्षेत्रीय शांति को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।