भारत–ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA): खाड़ी क्षेत्र में व्यापार विस्तार की दिशा में ऐतिहासिक कदम
भारत और ओमान के बीच दिसंबर 2025 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो दोनों देशों के व्यापार, निवेश और सेवाओं में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है। यह समझौता खाड़ी क्षेत्र में भारत की व्यापार रणनीति को सशक्त बनाने के साथ-साथ ओमान के साथ लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया ऐतिहासिक उपलब्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को “21वीं सदी में भारत–ओमान संबंधों को ऊर्जा देने वाला ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के व्यवसायों और युवाओं के लिए नए अवसर उत्पन्न करेगा और व्यापार तथा निवेश प्रवाह पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
CEPA के मुख्य बिंदु
इस समझौते के तहत ओमान ने भारत को 98 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क (Zero Duty) बाजार पहुंच प्रदान की है, जो मूल्य के हिसाब से भारत के 99 प्रतिशत से अधिक निर्यात को कवर करता है। जिन प्रमुख क्षेत्रों को त्वरित लाभ मिलेगा, वे हैं:
• वस्त्र (Textiles)
• रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery)
• चमड़ा उत्पाद (Leather Goods)
• इंजीनियरिंग वस्तुएं
• दवाइयां और चिकित्सा उपकरण
• ऑटोमोबाइल
भारत ने भी बदले में लगभग 78 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर ओमान से आयात के लिए रियायतें दी हैं, जबकि संवेदनशील घरेलू क्षेत्रों को संरक्षण दिया गया है।
सेवाएं, पेशेवर गतिशीलता और निवेश प्रावधान
इस CEPA का एक अहम पहलू सेवाओं, पेशेवर गतिशीलता और निवेश है। ओमान ने आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, पेशेवर सेवाएं और ऑडियो-विजुअल क्षेत्र में बाजार पहुंच की प्रतिबद्धताएं दी हैं। साथ ही भारतीय पेशेवरों के लिए उच्च कोटा और लंबे प्रवास की व्यवस्था की गई है।
समझौते के तहत भारतीय कंपनियां ओमान की कई सेवा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कर सकेंगी। भारत की AYUSH प्रणाली और वेलनेस उद्योग को भी ओमान में नए अवसर मिलेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• भारत–ओमान CEPA पर दिसंबर 2025 में हस्ताक्षर हुए।
• ओमान ने 98% से अधिक टैरिफ लाइनों पर भारत को शून्य शुल्क बाजार पहुंच दी है।
• भारत–ओमान द्विपक्षीय व्यापार $10 अरब से अधिक है।
• यह समझौता वस्तुएं, सेवाएं, निवेश और गतिशीलता को कवर करता है।
रणनीतिक और आर्थिक महत्व
यह समझौता भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री तथा ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री के बीच हस्ताक्षरित हुआ। ओमान में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं और भारत का मजबूत व्यवसायिक आधार है। ऐसे में CEPA से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, आपूर्ति श्रृंखलाएं सुदृढ़ होंगी, नौकरियों का सृजन होगा और ओमान भारत के लिए मध्य पूर्व और अफ्रीका का प्रवेश द्वार बनने की दिशा में और सशक्त होगा।