भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते में बड़ी छलांग: 2026 से सभी भारतीय निर्यात पर शून्य सीमा शुल्क
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार संबंधों में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। 1 जनवरी 2026 से ऑस्ट्रेलिया, भारत से होने वाले सभी निर्यातों पर सीमा शुल्क पूरी तरह समाप्त कर देगा। यह कदम भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (Ind-Aus ECTA) के तहत उठाया गया है और इससे द्विपक्षीय व्यापार को नई गति मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों में।
Ind-Aus ECTA के तहत शून्य शुल्क व्यवस्था
दिसंबर 2022 में लागू हुए Ind-Aus ECTA के तीन साल पूरे होने पर यह फैसला लिया गया है। अब 2026 से भारत से ऑस्ट्रेलिया निर्यात होने वाला हर उत्पाद बिना किसी सीमा शुल्क के प्रवेश करेगा। इससे भारतीय उत्पादों की कीमत प्रतिस्पर्धा में अधिक अनुकूल होगी और दोनों देशों के बीच आपूर्ति श्रृंखला संबंध और भी मज़बूत होंगे।
निर्यात में वृद्धि और क्षेत्रों का प्रदर्शन
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, FY 2024–25 में भारत का ऑस्ट्रेलिया को निर्यात 8% बढ़ा, जिससे व्यापार संतुलन में सुधार हुआ है। रसायन, वस्त्र, प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोलियम उत्पाद और रत्न व आभूषण जैसे निर्माण क्षेत्र में तेज़ वृद्धि देखी गई। कृषि निर्यात में भी फलों, सब्जियों, समुद्री उत्पादों, मसालों और कॉफी का अच्छा प्रदर्शन रहा। अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान रत्न और आभूषण निर्यात में 16% की वृद्धि दर्ज की गई।
MSMEs और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लाभ
सीमा शुल्क हटने से वस्त्र, चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, तथा प्रोसेस्ड फूड जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा। कम लैंडेड कॉस्ट (गंतव्य देश में उतारने की कुल लागत) से MSMEs को बेहतर लाभांश और अधिक निर्यात मात्रा प्राप्त होगी, जो अक्सर सीमित लाभ पर काम करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह कदम भरोसेमंद साझेदार से स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जबकि भारतीय निर्यातकों को एक विकसित और उच्च-आय वाले बाज़ार में स्थिर और पारदर्शी व्यापार नियमों के तहत प्रवेश मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA दिसंबर 2022 में प्रभाव में आया।
- 1 जनवरी 2026 से भारत के सभी निर्यात पर ऑस्ट्रेलिया द्वारा शून्य सीमा शुल्क लागू किया जाएगा।
- श्रम-प्रधान क्षेत्र जैसे वस्त्र, चमड़ा, आभूषण, खाद्य प्रसंस्करण इस निर्णय से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
- जैविक उत्पादों पर एक परस्पर मान्यता व्यवस्था (Mutual Recognition Arrangement) भी लागू की गई है जिससे अनुपालन लागत में कमी आएगी।
गहराते आर्थिक एकीकरण की दिशा में कदम
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) को लेकर बातचीत चल रही है, जिसमें ECTA को एक मजबूत आधार के रूप में देखा जा रहा है। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘विकसित भारत 2047’ जैसे दीर्घकालिक विजनों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और रणनीतिक आर्थिक साझेदारियों को सुदृढ़ करना है।
यह निर्णय न केवल व्यापारिक संबंधों को मज़बूत करता है, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक भरोसेमंद और प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।