भारत ऑप्टेल और सफ्रान के बीच रक्षा उत्पादन सहयोग समझौता

भारत ऑप्टेल और सफ्रान के बीच रक्षा उत्पादन सहयोग समझौता

भारत के रक्षा विनिर्माण पारितंत्र को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ऑप्टेल लिमिटेड ने फ्रांस की सफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के साथ एक अहम सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत दो अत्याधुनिक और युद्ध में परखे गए रक्षा प्रणालियों का स्वदेशी उत्पादन किया जाएगा। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और घरेलू रक्षा उत्पादन को नई गति देने वाली मानी जा रही है।

सहयोग समझौते का विवरण

यह समझौता भारत ऑप्टेल लिमिटेड और Safran Electronics & Defense के बीच किया गया है। इसके अंतर्गत सिग्मा 30एन डिजिटल रिंग लेजर जायरो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और सीएम3-एमआर डायरेक्ट फायरिंग साइट के उत्पादन का हस्तांतरण भारत में किया जाएगा। हस्ताक्षर समारोह में रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह समझौता जनवरी 2024 में दोनों पक्षों के बीच हुए आंतरिक करार की अगली कड़ी है।

समझौते के अंतर्गत आने वाली प्रणालियां

सिग्मा 30एन प्रणाली एक उन्नत इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम है, जिसका उपयोग तोपखाने, वायु रक्षा प्रणालियों, मिसाइलों और रडारों में किया जाता है। यह प्रणाली जीपीएस सिग्नल उपलब्ध न होने की स्थिति में भी सटीक नेविगेशन और लक्ष्य निर्धारण में सक्षम है। वहीं, सीएम3-एमआर डायरेक्ट फायरिंग साइट को तोपखाने और एंटी-ड्रोन प्रणालियों की प्रत्यक्ष फायरिंग क्षमता बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है, जिससे परिचालन प्रतिक्रिया और सटीकता में सुधार होता है।

भारत ऑप्टेल लिमिटेड की भूमिका

इस साझेदारी के तहत India Optel Limited निर्माण, अंतिम असेंबली, परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और पूरे जीवन-चक्र समर्थन की जिम्मेदारी निभाएगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि ये प्रणालियां भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप हों और देश में उन्नत रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उत्पादन क्षमता मजबूत हो।

रणनीतिक और औद्योगिक महत्व

सफ्रान के अनुसार, सिग्मा 30 श्रृंखला शत्रु की गतिविधियों का पता लगते ही उसकी स्थिति का सटीक निर्धारण करने में सक्षम है, जिससे स्वायत्त और प्रभावी जवाबी कार्रवाई संभव होती है। यह समझौता हाल ही में सफ्रान और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के बीच हुए संयुक्त उद्यम के बाद आया है, जो भारत में हैमर प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों के निर्माण से जुड़ा है। इन पहलों से भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग की गहराई और स्पष्ट होती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत ऑप्टेल लिमिटेड रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है।
  • सिग्मा 30एन एक इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम है, जो जीपीएस के बिना भी कार्य करता है।
  • सीएम3-एमआर प्रणाली तोपखाने और एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए प्रत्यक्ष फायरिंग साइट है।
  • यह समझौता प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्वदेशी निर्माण पर आधारित है।

कुल मिलाकर, यह सहयोग समझौता भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि अत्याधुनिक युद्ध प्रणालियों के घरेलू उत्पादन से भारत की सैन्य तैयारियों और रणनीतिक क्षमता को भी नई मजबूती मिलेगी।

Originally written on December 24, 2025 and last modified on December 24, 2025.

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