भारत “ईरान-रूस समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2021” में शामिल हुआ

भारत “ईरान-रूस समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2021” में शामिल हो गया है, यह दो दिवसीय नौसैनिक अभ्यास है। यह अभ्यास हिंद महासागर के उत्तरी भाग में आयोजित किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

  • इस अभ्यास में ईरानी सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) दोनों के नौसेना डिवीजन के बलों और जहाजों ने भाग लिया।
  • रूसी नौसेना के कई जहाजों ने भी ड्रिल में भाग लिया।
  • भारतीय नौसेना भी चयनित जहाजों के साथ अभ्यास में शामिल हो गई है।
  • इस ड्रिल में चीनी नौसेना भी हिस्सा लेगी।
  • यह 17,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा।
  • इस नौसैनिक अभ्यास में अपहृत जहाजों की मुक्ति, एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन और खोज एवं बचाव कार्यों सहित कई गतिविधियों को संचालित किया जायेगा।

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC)

यह ईरानी सशस्त्र बलों की एक शाखा है। इस शाखा की स्थापना ईरानी क्रांति के बाद अप्रैल 1979 में हुई थी। IRGC की स्थापना अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी के आदेश से हुई थी। यह ईरानी सीमाओं की रक्षा करता है और आंतरिक व्यवस्था को बनाए रखता है। ईरानी संविधान ने रिवोल्यूशनरी गार्ड को देश की इस्लामी गणतंत्रीय राजनीतिक व्यवस्था की रक्षा करने के काम के साथ काम सौंपा है।  रिवोल्यूशनरी गार्ड्स में 2011 तक 2,50,000 सैन्य कर्मी थे। इसमें जमीनी बल, एयरोस्पेस फोर्स और नौसेना बल शामिल हैं।

अरब की खाड़ी

यह पश्चिम एशिया में भूमध्य सागर है। यह खाड़ी हिंद महासागर का एक विस्तार है। यह ओमान की खाड़ी और होर्मुज के जलडमरूमध्य के माध्यम से विस्तारित है। यह जल निकाय उत्तर-पूर्व में ईरान और दक्षिण-पश्चिम में अरब प्रायद्वीप के बीच स्थित है।

Originally written on February 17, 2021 and last modified on February 17, 2021.

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