भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA): निवेश, रोजगार और निर्यात को नई ऊँचाई

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच ऐतिहासिक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) 1 अक्टूबर 2025 से प्रभाव में आ जाएगा। यह समझौता 10 मार्च 2024 को नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ था। TEPA भारत द्वारा किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में पहली बार निवेश और रोजगार सृजन से जुड़ी प्रतिबद्धता को शामिल करता है, जो इसे एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी समझौता बनाता है।
TEPA की मुख्य विशेषताएँ
TEPA कुल 14 अध्यायों में विभाजित है, जिनमें माल और सेवाओं तक बाज़ार पहुँच, व्यापार सुविधा, निवेश प्रोत्साहन, बौद्धिक संपदा अधिकार, सतत विकास, और व्यापार नियमों को शामिल किया गया है। ईएफटीए देशों ने भारत के 99.6% निर्यात उत्पादों (टैरिफ लाइनों) पर रियायतें दी हैं, जबकि भारत ने ईएफटीए के 95.3% निर्यातों को शामिल करते हुए 82.7% टैरिफ लाइनों की पेशकश की है।
निवेश और रोजगार के लिए प्रतिबद्धता
TEPA के अनुच्छेद 7.1 के अनुसार, ईएफटीए देश अगले 15 वर्षों में भारत में $100 अरब (लगभग ₹8 लाख करोड़) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लाने का लक्ष्य रखते हैं। यह निवेश 1 मिलियन (10 लाख) प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की क्षमता रखता है। यह निवेश दीर्घकालिक होगा और उत्पादक क्षमता निर्माण पर केंद्रित रहेगा।
सेवाओं और पेशेवरों के लिए नया मार्ग
सेवाओं के क्षेत्र में भारत ने 105 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएँ दी हैं, जबकि ईएफटीए के चारों देश—स्विट्जरलैंड (128), नॉर्वे (114), लिकटेंस्टीन (107), और आइसलैंड (110)—ने महत्वपूर्ण पहुँच प्रदान की है। यह समझौता पेशेवर सेवाओं जैसे नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, और वास्तुकला में म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट्स (MRA) को भी सक्षम बनाता है, जिससे भारतीय पेशेवरों को नए अवसर मिलेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ईएफटीए में चार देश शामिल हैं: स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन।
- TEPA भारत का पहला यूरोपीय विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता है।
- TEPA के तहत ईएफटीए ने 100% गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (PAP) पर टैरिफ रियायत दी है।
- समझौता 15 वर्षों में $100 अरब निवेश और 10 लाख रोजगार सृजन की प्रतिबद्धता के साथ आता है।