भारत-इंडोनेशिया रक्षा सहयोग को नई गति, संयुक्त औद्योगिक समिति बनेगी आधार
भारत और इंडोनेशिया ने नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान रक्षा औद्योगिक सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई है। यह संवाद दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा रणनीतिक हितों और भारत की बढ़ती रक्षा विनिर्माण क्षमता को रेखांकित करता है।
भारत की पनडुब्बी तकनीक की सराहना
इंडोनेशिया ने भारत की पनडुब्बी निर्माण विशेषज्ञता की विशेष प्रशंसा की, खासकर स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों (Scorpene-class submarines) के निर्माण कार्यक्रम की, जिसे भारत ने फ्रांस की “नेवल ग्रुप” के साथ तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से पूरा किया है। वर्ष 2017 से 2023 के बीच छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं, जबकि तीन और निर्माणाधीन हैं।इंडोनेशिया इस अनुभव को अपनी नौसेना के आधुनिकीकरण के लिए अत्यंत उपयोगी मानता है, विशेष रूप से भारत की सप्लाई चेन क्षमता और घरेलू शिपबिल्डिंग दक्षता को देखते हुए।
संयुक्त रक्षा औद्योगिक समिति की स्थापना
वार्ता के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति (Joint Defence Industry Cooperation Committee) बनाने का निर्णय लिया। यह समिति तकनीकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, प्रमाणन मानकीकरण और सप्लाई चेन एकीकरण पर काम करेगी।दोनों पक्षों ने यह भी स्वीकार किया कि दीर्घकालिक रक्षा औद्योगिक साझेदारी के लिए संरचित संस्थागत ढाँचा आवश्यक है, जिससे निरंतर सहयोग और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।
हिंद-प्रशांत सुरक्षा और साइबर लचीलापन पर जोर
वार्ता के केंद्र में बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय स्थिरता की चिंता रही। भारत और इंडोनेशिया दोनों ने स्वतंत्र, खुला और अंतरराष्ट्रीय कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा का समर्थन दोहराया।दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा, साइबर लचीलापन (Cyber Resilience) और संचालन क्षमता (Operational Readiness) बढ़ाने के लिए सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्र में आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यासों की प्रगति की सराहना की गई और भविष्य में प्रशिक्षण व अधिकारी स्तर पर आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति बनी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी परियोजना तकनीकी हस्तांतरण और स्वदेशी निर्माण का प्रमुख उदाहरण है।
- भारत और इंडोनेशिया संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति स्थापित करेंगे।
- वार्ता में हिंद-प्रशांत स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और साइबर सहयोग पर बल दिया गया।
- दोनों देशों ने मानवीय सहायता और फिलिस्तीन में शांति प्रयासों के समर्थन पर भी सहमति जताई।
क्षेत्रीय सहयोग और कूटनीतिक परिणाम
रक्षा उद्योग से परे, दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और मानवीय सहयोग को प्रोत्साहित करने पर भी चर्चा की। भारत ने मित्रता के प्रतीक स्वरूप इंडोनेशिया को घोड़े और एक औपचारिक रथ भेंट किए।वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने परिणामों पर संतोष व्यक्त किया और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, शांति और समृद्धि के लिए उनका सहयोग आगे भी निरंतर जारी रहेगा।