भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस 2025: वैश्विक चावल व्यापार में भारत की भूमिका को मिलेगा नया आयाम
भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन 30 अक्टूबर से नई दिल्ली के भारत मंडपम में दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में किया जा रहा है। यह सम्मेलन वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में भारत की प्रमुख भूमिका को रेखांकित करेगा और चावल व्यापार से जुड़े हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।
वैश्विक प्रतिनिधित्व और भागीदारी
एपीडा (APEDA) के अध्यक्ष अभिषेक देव ने बताया कि इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में फिलीपींस, घाना, नामीबिया और गांबिया के विदेश मंत्री भाग लेंगे। यह दर्शाता है कि भारत के चावल निर्यात क्षेत्र की वैश्विक स्तर पर कितनी गहरी पैठ है।
भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है, जो 172 से अधिक देशों को चावल निर्यात करता है। यह सम्मेलन भारत की इस स्थिति को और सशक्त करने का प्रयास है।
सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य
भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य चावल व्यापार से जुड़े सभी प्रमुख पक्षों — उत्पादकों, निर्यातकों, आयातकों, नीति निर्माताओं, लॉजिस्टिक्स कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और सहायक सेवाओं — को एक मंच पर लाकर पारदर्शिता, दक्षता और लचीलापन बढ़ाना है।
सम्मेलन में निम्नलिखित पहलुओं पर फोकस रहेगा:
- वैश्विक चावल आपूर्ति श्रृंखला में भारत की रणनीतिक भूमिका
- गुणवत्ता, टिकाऊ उत्पादन और निर्यात मानकों का सुधार
- खाद्य सुरक्षा और मूल्य स्थिरता पर संवाद
- चावल अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन 30-31 अक्टूबर को भारत मंडपम, नई दिल्ली में होगा।
- इसमें फिलीपींस, घाना, नामीबिया और गांबिया के विदेश मंत्री भाग लेंगे।
- भारत 172 से अधिक देशों को चावल निर्यात करता है।
- आयोजन का नेतृत्व एपीडा (APEDA) कर रहा है, जो कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली संस्था है।
भारत की कृषि कूटनीति को मिलेगा बल
यह सम्मेलन भारत की “कृषि कूटनीति” को नई दिशा देने में मदद करेगा। जिस प्रकार भारत दवा, सॉफ्टवेयर और अब खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक साझेदार बनता जा रहा है, उसी दिशा में चावल व्यापार के माध्यम से भारत अपनी भूमिका और गहराई से स्थापित कर रहा है।
यह सम्मेलन केवल व्यापारिक चर्चा त