भारत-अमेरिका व्यापार संतुलन हेतु GTRI की तीन-चरणीय रणनीति
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को संतुलित करने की दिशा में ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने एक सुव्यवस्थित तीन-चरणीय योजना प्रस्तुत की है। यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं निर्णायक मोड़ पर हैं। रणनीति का उद्देश्य है—प्रतिबंधों से जोखिम को कम करना, टैरिफ असमानता को दूर करना और निष्पक्ष व्यापार वार्ताओं को पुनः प्रारंभ करना।
प्रतिबंधित रूसी तेल आयात पर तत्काल रोक
GTRI की पहली सिफारिश है कि भारत अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित रूसी कंपनियों से कच्चे तेल का आयात तत्काल प्रभाव से बंद कर दे। विशेष रूप से रोसनेफ्ट और लुकोइल जैसे तेल उत्पादक, जो रूस के कुल तेल उत्पादन का लगभग 57% हिस्सा रखते हैं, अमेरिका के द्वितीयक प्रतिबंधों की सूची में शामिल हैं। इनसे तेल खरीद जारी रखने से भारत को SWIFT जैसी वैश्विक वित्तीय प्रणालियों से बाहर किया जा सकता है, डॉलर में लेनदेन पर रोक लग सकती है, और बंदरगाह व बैंकिंग गतिविधियां बाधित हो सकती हैं। रिपोर्ट का कहना है कि इन प्रतिबंधों का प्रभाव वर्तमान टैरिफ से कहीं अधिक हानिकारक हो सकता है।
दंडात्मक अमेरिकी टैरिफ हटवाने की मांग
GTRI की योजना का दूसरा चरण बताता है कि जब भारत प्रतिबंधित रूसी कंपनियों से तेल आयात रोक देगा, तब उसे अमेरिका से “रूसी तेल” पर लगाए गए 25% दंडात्मक टैरिफ को हटाने की मांग करनी चाहिए। यह टैरिफ जुलाई में लागू हुआ था, जिससे अमेरिका में भारत का कुल टैरिफ बोझ 50% तक पहुँच गया। इसके परिणामस्वरूप मई से सितंबर 2025 के बीच भारत का अमेरिकी निर्यात 37% तक गिर गया। अगर यह दंडात्मक शुल्क हटता है, तो भारत का टैरिफ बोझ लगभग आधा हो सकता है और निर्यात में पुनः वृद्धि संभव हो सकती है।
संतुलित शर्तों पर व्यापार वार्ताओं का पुनरारंभ
रणनीति का अंतिम चरण यह सुझाव देता है कि भारत को अमेरिका से व्यापार वार्ताएं तभी दोबारा शुरू करनी चाहिए जब टैरिफ सामान्य स्तर पर आ जाएं। GTRI का प्रस्ताव है कि भारत को अमेरिका के अन्य प्रमुख साझेदारों की तरह औसतन 15% शुल्क दर की समानता की मांग करनी चाहिए। साथ ही, वस्त्र, दवाएं, रत्न और आभूषण जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को शुल्क मुक्त प्रवेश दिलवाने का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि अमेरिकी बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रोसनेफ्ट और लुकोइल रूस के कुल कच्चे तेल उत्पादन का लगभग 57% हिस्सा प्रदान करते हैं।
- अमेरिका ने 31 जुलाई 2025 को “रूसी तेल” पर 25% टैरिफ लगाया।
- मई से सितंबर 2025 के बीच भारत का अमेरिकी निर्यात 37% तक घट गया।
- GTRI की योजना में तीन चरण शामिल हैं: रूसी तेल आयात पर रोक, टैरिफ हटाना, और निष्पक्ष व्यापार वार्ताएं शुरू करना।
व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने पुष्टि की है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएं उन्नत चरण में हैं। प्रस्तावित समझौते के अंतर्गत भारत के टैरिफ को 50% से घटाकर 15% तक लाया जा सकता है, बशर्ते भारत रूसी तेल की खरीद को सीमित करे और अमेरिका से ऊर्जा आयात बढ़ाए। दोनों पक्षों की सकारात्मक मंशा को देखते हुए, GTRI की योजना एक संतुलित और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करती है जो भारत की व्यापारिक स्वतंत्रता और आर्थिक हितों को समान रूप से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकती है।