भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश में “क्वांटम प्रयोगशाला” की स्थापना की

भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश में “क्वांटम प्रयोगशाला” की स्थापना की

भारतीय सेना ने हाल ही में मध्य प्रदेश के महू में “क्वांटम प्रयोगशाला” की स्थापना की, जो उभरते हुए टेक्नोलॉजी डोमेन में स्थिर और महत्वपूर्ण प्रगति को उजागर करती है।

मुख्य बिंदु 

  • इस क्वांटम प्रयोगशाला की स्थापना राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) की सहायता से की गई है।
  • यह प्रमुख विकासशील क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण का नेतृत्व करने के उद्देश्य से महू में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (MCTE) में स्थापित किया गया है।
  • सेना ने MCTE में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) केंद्र भी स्थापित किया है,।
  • साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं और अत्याधुनिक साइबर रेंज के माध्यम से साइबर युद्ध पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पृष्ठभूमि

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ऑपरेशंस में सेना की भागीदारी का विचार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक सेमिनार के दौरान सामने रखा गया था, जो अक्टूबर 2020 में आयोजित किया गया था। तब से AI, क्वांटम और साइबर में निवेश के लिए भारतीय सेना के प्रौद्योगिकी संस्थानों पर जोर दिया गया है।

 महत्व

क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना का शोध अगली पीढ़ी के संचार में छलांग लगाने और भारतीय सशस्त्र बलों में क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (PQC) में बदलने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council – NSC)

NSC एक कार्यकारी सरकारी एजेंसी है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हित से संबंधित मामलों पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सलाह देती है। इसकी स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में की थी। पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा थे।

Originally written on December 30, 2021 and last modified on December 30, 2021.

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