भारतीय समुद्री मत्स्य उत्पाद जल्द पाएंगे MSC प्रमाणन: निर्यात, आय और सतत मछली पालन को मिलेगा प्रोत्साहन

भारत के लगभग 10 समुद्री और खारे पानी की मछलियों तथा झींगा प्रजातियों को जल्द ही मरीन स्टूअरशिप काउंसिल (Marine Stewardship Council – MSC) का वैश्विक प्रमाणन मिलने जा रहा है। 2026 में पहले बैच के लिए आवेदन किया जाएगा। यह पहल भारत को वैश्विक समुद्री बाजारों में मजबूत स्थिति दिलाने, निर्यात में वृद्धि करने और मछुआरा समुदायों की आय स्थिर करने की दिशा में मील का पत्थर बन सकती है।
क्या है MSC प्रमाणन?
MSC प्रमाणन एक स्वैच्छिक वैश्विक ईको-लेबल है, जो मत्स्य उत्पादों की सतत पकड़ (sustainable catch), प्राकृतिक भंडार की रक्षा और जिम्मेदार मत्स्य प्रबंधन को सुनिश्चित करता है। यह प्रमाणन FAO के Responsible Fishing Code और Eco-labelling Guidelines पर आधारित होता है। प्रमाणन थर्ड-पार्टी ऑडिट के माध्यम से होता है।
कौन-सी प्रजातियाँ होंगी प्रमाणित?
वर्तमान में जिन प्रमुख प्रजातियों को MSC प्रमाणन के लिए चयनित किया गया है, वे हैं:
- Gillnet-caught blue swimming crab
- Trawl-caught karikadi shrimp
- Trawl-caught Indian nylon shrimp (दो प्रकार)
- Trawl-caught Indian squid
- Trawl-caught poovalan shrimp
- Trawl-caught pharaoh cuttlefish
- Trawl-caught webfoot octopus
- Trawl-caught flower shrimp
- Thread fin bream fishery
नए प्रमाणन की दिशा में अग्रसर प्रजातियाँ:
- ग्रोपर मछली (6 प्रजातियाँ) – कन्याकुमारी से
- पोल-एंड-लाइन पकड़ी गई स्किपजैक टूना – लक्षद्वीप से
- ट्रैप-कैच स्पाइनी लॉबस्टर – कन्याकुमारी
- गिलनेट ऑयल सार्डीन – कोल्लम, केरल
- अष्टमुड़ी क्लैम – केरल
- गिलनेट पकड़ी गई मड क्रैब और स्काइला सेराटा – चिल्का झील, ओडिशा से
MSC प्रमाणन के लाभ
- 30% तक प्रीमियम मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में
- नए बाज़ारों तक पहुँच, विशेष रूप से यूरोप और जापान जैसे देशों में जहां सस्टेनेबिलिटी लेबल की मांग अधिक है
- पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार मछली पकड़ने की प्रथाओं को बढ़ावा
- स्थिर आय और रोज़गार सुरक्षा मछुआरा समुदायों के लिए
- निर्यात में वृद्धि, विशेष रूप से यूएस प्रतिबंधों जैसे व्यापार अवरोधों के समय विकल्प तैयार करना
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) के तहत केंद्र सरकार प्रमाणन लागत को सब्सिडी देगी।
- Ashtamudi clam, भारत की पहली MSC प्रमाणित मछली प्रजाति थी, जिसका प्रमाणन अब पुनः नवीनीकरण किया जा रहा है।
- 20% वैश्विक मछली उत्पादन वर्तमान में MSC प्रमाणित है।