भारतीय रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA): स्वदेशी सैन्य संचार की दिशा में ऐतिहासिक कदम

भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने संयुक्त रक्षा स्टाफ (IDS) और त्रि-सेनाओं के साथ मिलकर 6 अक्टूबर 2025 को DRDO भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान “इंडियन रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA)” मानक 1.0 का औपचारिक रूप से विमोचन किया। यह पहल भारत को आत्मनिर्भर रक्षा संचार तकनीकों की दिशा में मजबूत बनाती है और ‘डिज़ाइन इन इंडिया, फॉर इंडिया, एंड फॉर द वर्ल्ड’ की सोच को मूर्त रूप देती है।
IRSA: एक समग्र सॉफ्टवेयर मानक
IRSA, सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियोज़ (SDR) के लिए एक व्यापक सॉफ्टवेयर विनिर्देशन है, जो निम्नलिखित मुख्य पहलुओं को परिभाषित करता है:
- मानकीकृत इंटरफेस और API
- निष्पादन परिवेश (execution environment)
- वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी तंत्र
- प्रमाणन और अनुरूपता (Certification & Conformance)
IRSA का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि SDR प्रणालियाँ आपस में पूर्ण रूप से संगत (interoperable) हों और किसी भी भविष्य की सैन्य आवश्यकताओं के साथ सहज रूप से एकीकृत की जा सकें। इसका विकास भारत में भविष्य के रक्षा संचार अवसंरचना को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है।
तकनीकी यात्रा और भविष्य की दिशा
IRSA की संकल्पना वर्ष 2021 में हुई जब आधुनिक सैन्य संचार में SDR की भूमिका को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना गया। 2022 में DRDO के नेतृत्व में एक तकनीकी दल ने IDS और सेनाओं के सहयोग से इसका विकास प्रारंभ किया। कई दौर की समीक्षाओं और विचार-विमर्श के बाद, वर्ष 2025 में उच्चस्तरीय सलाहकार समिति (HLAC) द्वारा IRSA वर्जन 1.0 को स्वीकृति प्रदान की गई।
यह मानक न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि इसे वैश्विक मानक के रूप में स्थापित करने की भी परिकल्पना है, जिससे भारत मित्र देशों को IRSA-समर्थ समाधानों का निर्यात कर सके।
कार्यशाला में सहयोग और संवाद
राष्ट्रीय कार्यशाला में तीनों सेनाओं, रक्षा उत्पादन विभाग (DDP), रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs), उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें IRSA की यात्रा, तकनीकी प्रस्तुति, भविष्य की दिशा और उद्योग व शैक्षणिक जगत के साथ सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. समीर वी. कामत (सचिव, DD R&D एवं अध्यक्ष, DRDO) उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित (मुख्य, संयुक्त रक्षा स्टाफ) और डॉ. रजत मूना (निदेशक, IIT गांधीनगर) शामिल थे। कार्यशाला का मार्गदर्शन डॉ. बी.के. दास (महानिदेशक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार प्रणाली) द्वारा किया गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IRSA भारत का पहला राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर मानक है जो SDR के लिए परिभाषित किया गया है।
- इसकी संकल्पना वर्ष 2021 में हुई थी और विकास कार्य 2022 से शुरू हुआ।
- IRSA का उद्देश्य SDR की वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी, इंटरऑपरेबिलिटी और प्रमाणन सुनिश्चित करना है।
- DRDO, IDS और त्रि-सेनाओं के साथ मिलकर इस परियोजना को क्रियान्वित किया गया है।