भारतीय नौसेना को मिला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अंद्रोत’: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

भारतीय नौसेना को मिला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अंद्रोत’: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

भारतीय नौसेना को एक नया स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अंद्रोत’ (INS Androth) प्राप्त हुआ है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री शक्ति को और मज़बूत करेगा। यह युद्धपोत भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम उपलब्धि है।

अंद्रोत: रणनीतिक और तकनीकी विशेषताएं

‘अंद्रोत’ आठ “एंटी-सबमरीन वॉरफेयर – शैलो वाटर क्राफ्ट” (ASW-SWC) में से दूसरा युद्धपोत है, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित किया गया है। यह युद्धपोत लगभग 77 मीटर लंबा है और यह डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत है।
इसमें निम्नलिखित अत्याधुनिक विशेषताएं हैं:

  • हल्के वजन के टॉरपीडो (lightweight torpedoes)
  • स्वदेशी पनडुब्बी रोधी रॉकेट
  • तटीय निगरानी और पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए विशिष्ट डिजाइन

इस पोत की डिज़ाइन इसे उथले पानी (shallow waters) में भी संचालन योग्य बनाती है, जो इसे तटीय सुरक्षा अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है।

‘अंद्रोत’ नाम का महत्व

‘अंद्रोत’ नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के एक द्वीप ‘अंद्रोत’ से लिया गया है। यह नाम भारत के समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता को भी नौसेना के माध्यम से जोड़ता है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

भारतीय नौसेना ने इस युद्धपोत की डिलीवरी को ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। अंद्रोत में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है, जो यह दर्शाता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में विदेशी आयात पर निर्भरता घटा रहा है।
नौसेना के आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, “अंद्रोत की डिलीवरी स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता और सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति की सफलता का प्रतीक है।”

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW) जहाजों का मुख्य उद्देश्य पनडुब्बियों की खोज, ट्रैकिंग और उन्हें निष्क्रिय करना होता है।
  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) भारत के प्रमुख रक्षा शिपयार्ड्स में से एक है, जो नौसेना के लिए कई स्वदेशी जहाजों का निर्माण कर चुका है।
  • INS अंद्रोत जैसे पोत तटीय निगरानी, बंदरगाह सुरक्षा और गश्ती अभियानों के लिए आदर्श माने जाते हैं।
  • ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Aatmanirbhar Bharat) अभियान की शुरुआत 2020 में हुई थी, जिसका उद्देश्य भारत को रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाना है।
Originally written on September 16, 2025 and last modified on September 16, 2025.

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