भारतीय निर्यात की उड़ान: वैश्विक मंच पर ‘मेक इन इंडिया’ की चमक

भारत का निर्यात यात्रा केवल व्यापारिक आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि यह नवाचार, उद्यमशीलता और वैश्विक समावेशन का प्रतीक बन चुका है। प्राचीन काल में रेशम मार्ग से शुरू हुई यह यात्रा आज तकनीकी उत्पादों, दवाओं, और इंजीनियरिंग वस्तुओं तक पहुंच चुकी है। विश्व बैंक के अनुसार, जहां वैश्विक निर्यात वृद्धि दर 2.5% है, वहीं भारत की निर्यात वृद्धि दर 2024 में 7.1% रही, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है। 2015 में भारत के जीडीपी में निर्यात की हिस्सेदारी 19.8% थी, जो 2024 में बढ़कर 21.2% हो गई। यह बदलाव भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
निर्यात के मौजूदा रुझान और उपलब्धियां
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पाँच महीनों में कुल निर्यात (वस्तु व सेवाएं) में 5.19% की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल–अगस्त 2025 में भारत का कुल निर्यात मूल्य 346.10 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 329.03 अरब डॉलर था। इनमें से 53.09% हिस्सा वस्तु निर्यात का और 46.91% सेवा निर्यात का रहा। अगस्त 2025 में निर्यात में 4.77% की वृद्धि दर्ज की गई। सरकार ने 2025-26 के लिए निर्यात लक्ष्य 1 ट्रिलियन डॉलर निर्धारित किया है, जिसका 34.61% पहले पाँच महीनों में ही प्राप्त कर लिया गया है।
वस्तु निर्यात में बढ़ोतरी के प्रमुख कारक
वस्तु निर्यात अप्रैल-अगस्त 2025 में 2.31% की दर से बढ़कर 183.74 अरब डॉलर पहुंच गया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, औषधियों, इंजीनियरिंग सामान, चाय, अन्य अनाज, मांस-डेयरी उत्पादों और खनिजों का बड़ा योगदान रहा।
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं: इस क्षेत्र में 40.63% की वृद्धि हुई। स्मार्टफोन का निर्यात INR 1 लाख करोड़ पार कर गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 55% अधिक है।
- अन्य अनाज: जैसे राई, जौ, ओट्स आदि का निर्यात 21.95% बढ़ा। ये पोषक तत्वों से भरपूर हैं और वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता के चलते मांग में हैं।
- मांस, डेयरी और पोल्ट्री: 20.29% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें वियतनाम, सऊदी अरब, मिस्र प्रमुख आयातक हैं।
- चाय: 18.20% की वृद्धि के साथ भारत अब श्रीलंका को पीछे छोड़कर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन चुका है।
- खनिज और अयस्क: 16.60% की वृद्धि हुई, जिसमें प्रोसेस्ड मिनरल्स का विशेष योगदान है।
सेवा निर्यात: नई वृद्धि की धुरी
सेवा क्षेत्र, जिसे ‘ओल्ड वार हॉर्स’ कहा गया है, 8.65% की वृद्धि दर से अप्रैल–अगस्त 2025 में आगे बढ़ा। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, बीपीएम, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन और पेशेवर परामर्श जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं। इस अवधि में सेवा व्यापार में 79.97 अरब डॉलर का अधिशेष रहा, जिसने कुल व्यापार घाटा भी कम किया।
तकनीकी क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 2024 में 7.3% था, और 2030 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था कुल अर्थव्यवस्था का पांचवां हिस्सा बनने की ओर अग्रसर है। इसके अलावा, एफडीआई नियमों में उदारीकरण और कौशल विकास योजनाओं ने सेवा क्षेत्र को नई ऊर्जा दी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक है, श्रीलंका को पीछे छोड़ते हुए।
- अप्रैल–अगस्त 2025 में स्मार्टफोन निर्यात INR 1 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया।
- भारत की सेवा व्यापार अधिशेष अप्रैल–अगस्त 2025 में 79.97 अरब डॉलर रही।
- भारत का वैश्विक लॉजिस्टिक्स रैंक 2023 में बढ़कर 38 हो गया (2018 में 44 था)।