भारतीय तटरक्षक बल को दो नई फास्ट पेट्रोल वेसल्स की सौगात: समुद्री सुरक्षा को नया बल
भारत की समुद्री सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल हुई है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में 24 अक्टूबर 2025 को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए दो उन्नत फास्ट पेट्रोल वेसल्स — ICGS अजित और ICGS अपराजित — का जलावतरण किया गया। यह दोनों पोत आठ स्वदेशी FPVs की श्रृंखला में सातवें और आठवें क्रम पर हैं, जिन्हें गोवा शिपयार्ड द्वारा पूरी तरह देश में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है।
स्वदेशी निर्माण की मिसाल
ICGS अजित और अपराजित भारत की बढ़ती स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता का परिचायक हैं। 52 मीटर लंबे और 320 टन वजन वाले इन पोतों में पहली बार कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP) प्रणाली का उपयोग किया गया है, जो इस श्रेणी में भारत में पहली बार देखा गया नवाचार है। यह तकनीक पोत को बेहतर नियंत्रण, दिशा और इंधन दक्षता प्रदान करती है।
इन पोतों को बहु-कार्यात्मक भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है — जिनमें मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों की सुरक्षा, तटीय गश्त, तस्करी-रोधी अभियान, समुद्री डकैती विरोधी गतिविधियाँ और खोज व बचाव अभियानों को प्राथमिकता दी गई है, विशेषकर भारत के द्वीप क्षेत्रों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में।
समारोह और उपस्थिति
इन पोतों का जलावतरण समारोह श्रीमती मंजू शर्मा द्वारा संपन्न हुआ, जिनके साथ मुख्य अतिथि के रूप में रक्षा सेवाओं के वित्तीय सलाहकार डॉ. मयंक शर्मा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर पश्चिमी क्षेत्र के ICG कमांडर, इंस्पेक्टर जनरल भीष्म शर्मा तथा ICG और GSL के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
डॉ. मयंक शर्मा ने इस परियोजना की सराहना करते हुए इसे घरेलू उद्योग, रोजगार सृजन और MSME इकोसिस्टम को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की समुद्री क्षमता की दिशा में एक निर्णायक पहल के रूप में देखा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना: ICG की स्थापना 1978 में की गई थी और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- FPV (Fast Patrol Vessel): यह हल्के, तेज गति वाले पोत होते हैं जो तटीय सुरक्षा, निगरानी, और आपातकालीन बचाव में प्रयोग किए जाते हैं।
- Goa Shipyard Limited (GSL): रक्षा मंत्रालय के अधीन यह एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है, जिसकी स्थापना 1957 में हुई थी और यह अब उन्नत सैन्य जहाज निर्माण में अग्रणी है।
- कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP): यह एक ऐसी तकनीक है जिससे प्रोपेलर के ब्लेड का कोण बदला जा सकता है, जिससे गति और दिशा पर सटीक नियंत्रण संभव होता है।