भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन : मुख्य बिंदु

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन : मुख्य बिंदु

भारत का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ नामक अपना स्वयं का स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है।

यह भारत की महत्वाकांक्षी भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं का हिस्सा है, जिसमें क्रू मिशन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और अधिक उन्नत प्रक्षेपण क्षमताएं भी शामिल हैं।

2028 तक पहला मॉड्यूल लॉन्च

इसरो अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ के हालिया बयानों के अनुसार, इसरो 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह 8 टन का मॉड्यूल होने की संभावना है, इसे LVM3 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद अगले 7 वर्षों में अतिरिक्त मॉड्यूल लॉन्च किए जाएंगे।

2035 तक, इसरो का लक्ष्य अधिक प्रक्षेपण क्षमता, डॉकिंग क्रू और कार्गो ट्रांसपोर्टरों के लिए सुविधाओं, शून्य गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान प्रयोगशालाओं इत्यादि के साथ एक पूरी तरह से परिचालन अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है।

भारी लिफ्ट लांचरों का विकास करना

अंतरिक्ष स्टेशन का समर्थन करने के लिए, इसरो अधिक शक्तिशाली रॉकेट विकसित कर रहा है जो पृथ्वी की निचली कक्षा तक 20-25 टन का पेलोड उठाने में सक्षम है।

ये भारी लिफ्ट वाहन खंडों को अलग-अलग लॉन्च करके और उन्हें अंतरिक्ष में जोड़कर एक मॉड्यूलर स्टेशन को इकट्ठा करने की अनुमति देंगे। वे भविष्य के संभावित अंतरग्रहीय मिशनों का भी समर्थन कर सकते हैं।

Originally written on December 29, 2023 and last modified on December 29, 2023.

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