भद्रक जिला, ओडिशा

भद्रक जिला, ओडिशा

भद्रक जिला ओडिशा का एक प्रशासनिक जिला है, जो पूर्वी भारत में स्थित है। भद्रक शहर जिला मुख्यालय है। यह 1 अप्रैल, 1993 को एक नया जिला बन गया। यह जिला उत्तर में बालासोर जिले, जाजपुर जिले और दक्षिण में बैतरणी नदी, पश्चिम में क्योंझर जिला और पूर्व में बंगाल की खाड़ी और केंद्रपाड़ा जिले से घिरा है। भद्रक जिले का कुल क्षेत्रफल 2,677 वर्ग किलोमीटर है। यह जलोढ़ मिट्टी का एक समतल पथ है जिसका ढाल पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी की ओर है। भद्रक जिले के लोगों द्वारा ज्यादातर बोली जाने वाली भाषा उड़िया भाषा है।
भद्रक जिले का इतिहास
भद्रक जिला एक प्राचीन भूमि है जो भारतीय पुराणों में किंवदंतियों में विख्यात है। ओडिशा पर ब्रिटिश कब्जे के बाद जून 1804 में कटक और बालासोर ने दो प्रशासनिक प्रभागों में से एक का गठन किया। 1828 में जब बालासोर को एक अलग जिला बनाया गया, तो भद्रक एक सहायक मजिस्ट्रेट सह डिप्टी कलेक्टर के साथ उप-मंडल में से एक बन गया। आधुनिक समय में राष्ट्रीय संघर्ष के काल में भद्रक प्रमुख रहा। 1942 के ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन में भद्रक ने प्रमुख भूमिका निभाई। आजादी के बाद से भद्रक जिले का इतिहास शिक्षा, उद्योग, कृषि, व्यापार और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में विविध प्रगति का इतिहास रहा है। यह जिला बालासोर जिले से बना था और 1 अप्रैल 1993 को एक अलग इकाई बन गया।
भद्रक जिले का भूगोल
भद्रक जिले को इसकी मिट्टी की स्थिति के अनुसार तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जैसे लवणीय मिट्टी, जलोढ़ मिट्टी और रेतीली मिट्टी। जिले की कृषि जलवायु की स्थिति के अनुसार क्षेत्रों को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। ये क्षेत्र वर्षा आधारित क्षेत्र, बारहमासी सिंचित क्षेत्र, बाढ़ क्षेत्र और लवणीय क्षेत्र हैं। इस जिले की जलवायु आमतौर पर उच्च आर्द्रता के साथ गर्म है। मई सबसे गर्म महीना होता है। दिसंबर इस जिले का सबसे ठंडा महीना होता है। भद्रक जिले से कई डेल्टाई नदियाँ जैसे सालंदी, बैतरनी, कंसबंसा, गमोल, मंटेई, गेंगुटी, कोचिला, रेबा और कपाली गुजरती हैं।
प्रशासन
भद्रक जिले में तहसीलों की कुल संख्या सात है- बासुदेवपुर, बोंटा, भद्रक, चांदबली, धामनगर, तिहिड़ी और भंडारीपोखरी। भद्रक जिले में 193 ग्राम पंचायत और 1356 राजस्व गांव हैं।
भद्रक जिले की अर्थव्यवस्था
भद्रक जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर अत्यधिक निर्भर है क्योंकि कृषि जिले की मुख्य आय है। खरीफ में धान मुख्य फसल के रूप में उगाया जाता है।
भद्रक जिले में पर्यटन
भद्रक जिले में कई पर्यटक आकर्षण हैं। इस शहर के प्रसिद्ध भद्रकाली मंदिर में साल भर हजारों तीर्थयात्री आते हैं। भद्रक जिले में अरडी, चंदबली, धमानगर, धमारा और गुआमाला नुसासन कुछ अन्य पर्यटन स्थल हैं।

Originally written on June 25, 2021 and last modified on June 25, 2021.

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