ब्रिटेन-फ्रांस प्रत्यावर्तन संधि के तहत पहले भारतीय नागरिक को किया गया निर्वासित

ब्रिटेन ने अपनी नई “रिटर्न्स ट्रीटी” (प्रत्यावर्तन संधि) के तहत फ्रांस के साथ समझौते के अंतर्गत एक भारतीय नागरिक को निर्वासित किया है, जो इंग्लिश चैनल को पार कर छोटी नाव के माध्यम से अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश कर गया था। यह घटना ब्रिटेन की अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
संधि का उद्देश्य और कार्रवाई की प्रक्रिया
इस संधि को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा अगस्त 2025 में लागू किया गया था। इसके अनुसार, ब्रिटेन छोटे नावों से आने वाले अवैध प्रवासियों को तुरंत हिरासत में लेकर फ्रांस वापस भेज सकता है, जबकि बदले में फ्रांस से उसी संख्या में सत्यापित शरणार्थियों को कानूनी और सुरक्षित मार्ग के ज़रिए स्वीकार करेगा।
गृह सचिव शबाना महमूद ने इस कार्रवाई को “सीमा सुरक्षा की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम” बताया और कहा कि यह उन लोगों के लिए स्पष्ट संदेश है जो अवैध रूप से ब्रिटेन में घुसने की योजना बना रहे हैं।
निर्वासित भारतीय नागरिक का मामला
यह भारतीय नागरिक, जिसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, अगस्त में ब्रिटेन आया था और हाल ही में हीथ्रो हवाई अड्डे से व्यावसायिक उड़ान द्वारा पेरिस भेजा गया। नई नीति के तहत, वह अब ब्रिटेन में शरण के लिए आवेदन नहीं कर सकता और उसे फ्रांस से स्वेच्छा से भारत लौटने का विकल्प दिया गया है। यदि वह स्वेच्छिक वापसी से इनकार करता है, तो उस पर जबरन निष्कासन की कार्रवाई की जा सकती है।
भारत के नागरिकों की बढ़ती संख्या
हाल ही में जारी हुए गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में इमिग्रेशन कानून के उल्लंघन के तहत हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 108% की वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर 2,715 भारतीयों को इन कानूनों के तहत हिरासत में लिया गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इंग्लिश चैनल यूरोप और ब्रिटेन के बीच का जलमार्ग है, जो अवैध आव्रजन का एक प्रमुख मार्ग बन चुका है।
- “वन-इन, वन-आउट” समझौते के तहत ब्रिटेन और फ्रांस समान संख्या में प्रवासियों की अदला-बदली करेंगे।
- शबाना महमूद ब्रिटेन की पहली मुस्लिम गृह सचिव हैं, जिन्होंने अवैध प्रवास के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है।
- ब्रिटेन ने पिछले वर्ष 35,000 से अधिक अवैध रूप से रह रहे लोगों को निष्कासित किया।