ब्रिटिश अकादमी बुक प्राइज से सम्मानित: इतिहासकार सुनील अमृत की पुस्तक ‘द बर्निंग अर्थ’
भारतीय मूल के इतिहासकार और येल विश्वविद्यालय (अमेरिका) में इतिहास के प्रोफेसर सुनील अमृत को उनकी नवीनतम पुस्तक ‘The Burning Earth: An Environmental History of the Last 500 Years’ के लिए प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी बुक प्राइज से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विश्व की सर्वश्रेष्ठ गैर-काल्पनिक कृतियों को मान्यता देता है और इसकी पुरस्कार राशि £25,000 (लगभग ₹26 लाख) है। यह घोषणा लंदन में आयोजित एक समारोह में की गई, जहां जजों ने इस पुस्तक को “आज की जलवायु संकट को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक और सारगर्भित लेखन” बताया।
पुस्तक की विशेषताएँ और महत्व
The Burning Earth वैश्विक पर्यावरणीय इतिहास पर आधारित एक ऐतिहासिक अध्ययन है, जो पिछले 500 वर्षों की घटनाओं को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जोड़कर प्रस्तुत करता है। सुनील अमृत इस पुस्तक में उपनिवेशवाद, औद्योगीकरण और मानवीय बसावट के बदलते स्वरूपों के माध्यम से यह दर्शाते हैं कि किस प्रकार मानव इतिहास और पर्यावरणीय बदलाव एक-दूसरे से अटूट रूप से जुड़े हुए हैं। पुस्तक अमेरिका की विजय यात्रा से लेकर ब्रिटेन के दक्षिण अफ्रीका में स्वर्ण खनन, काले मृत्यु काल से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध तक की ऐतिहासिक कड़ियों को जोड़ते हुए पाठकों को एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
अमृत ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, “यह पुस्तक यद्यपि कष्ट और क्षति का वर्णन करती है, फिर भी यह यह भी दिखाती है कि हम उस मुकाम तक और किन अन्य रास्तों से भी पहुँच सकते थे। इसमें ऐसे कई विचार और आंदोलन हैं जो भले ही आज खो गए हों, पर उन्होंने एक टिकाऊ और शांतिपूर्ण जीवन के लिए प्रेरणा के बीज अवश्य छोड़े हैं।”
जजों की सराहना और वैश्विक दृष्टिकोण
पुस्तक चयन समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर रेबेका अर्ले ने कहा कि यह “एक भव्य और स्पष्ट रचना है जो मानव इतिहास और पर्यावरणीय परिवर्तन के अंतर्संबंध को जीवंत विवरणों के साथ उजागर करती है।” उन्होंने इसे आज की जलवायु आपदा को समझने के लिए अनिवार्य पठनीयता बताया। अमृत की लेखनी में शोध, दृष्टिकोण और साहित्यिक कौशल का ऐसा संतुलन है जो वैश्विक इतिहास को एक नई दृष्टि प्रदान करती है।
ब्रिटिश अकादमी की अध्यक्ष प्रोफेसर सुसान जे स्मिथ ने कहा, “यह पुस्तक केवल एक शोध-आधारित इतिहास नहीं है, बल्कि एक रोमांचक कथा के रूप में भी पढ़ी जा सकती है। इसमें अतीत की ऐसी कहानियाँ हैं जो आज की समस्याओं की जड़ों तक पहुँचने में मदद करती हैं।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ब्रिटिश अकादमी बुक प्राइज 2013 में शुरू हुआ था और यह मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पर केंद्रित गैर-काल्पनिक पुस्तकों को सम्मानित करता है।
- विजेता को £25,000 और अन्य पांच शॉर्टलिस्टेड लेखकों को £1,000 प्रदान किया जाता है।
- सुनील अमृत का जन्म केन्या में दक्षिण भारतीय माता-पिता के यहाँ हुआ, उनका पालन-पोषण सिंगापुर में हुआ और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से शिक्षा प्राप्त की।