बोकारो स्टील लिमिटेड और डीआरडीओ के बीच रक्षा-ग्रेड इस्पात उत्पादन समझौता

बोकारो स्टील लिमिटेड और डीआरडीओ के बीच रक्षा-ग्रेड इस्पात उत्पादन समझौता

भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को सशक्त करने की दिशा में बोकारो स्टील लिमिटेड (BSL) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला (DMRL) के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता (Technology Transfer Agreement) किया है। इस समझौते के तहत बोकारो स्टील अब बड़े पैमाने पर विशेष रक्षा-ग्रेड इस्पात शीट्स का उत्पादन कर सकेगा, जिनका उपयोग रणनीतिक सैन्य प्लेटफॉर्मों में किया जाएगा।

रक्षा-ग्रेड स्टील के लिए तकनीकी हस्तांतरण

इस समझौते के तहत BSL को DMR 249A स्टील शीट्स के निर्माण की तकनीक का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह विशेष ग्रेड का इस्पात नौसेना और थल सेना दोनों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यह उच्च ताकत, लचीलापन और टिकाऊपन प्रदान करता है। इन स्टील शीट्स का उपयोग युद्धपोतों, पनडुब्बियों, और बख्तरबंद वाहनों में किया जा सकता है, जहाँ अत्यधिक दबाव और कठोर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इस तकनीकी हस्तांतरण से BSL को गैर-एक्सक्लूसिव लाइसेंस मिला है, जिससे वह देश के भीतर रक्षा इस्पात उत्पादन को आगे बढ़ा सकेगा।

स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा

BSL अधिकारियों के अनुसार, यह सहयोग भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” अभियानों की भावना को साकार करता है। सार्वजनिक क्षेत्र की यह इकाई विशेष-ग्रेड इस्पात के विकास पर निरंतर कार्य कर रही है ताकि सशस्त्र बलों और रक्षा एजेंसियों की बदलती जरूरतों को पूरा किया जा सके। इस समझौते के साथ भारत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में स्वदेशी सामग्री क्षमता को और गहराई तक विकसित करने की दिशा में अग्रसर हुआ है।

प्रमुख नौसैनिक प्लेटफार्मों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री

DMR 249A इस्पात का विकास वर्ष 2007 से BSL और DMRL के संयुक्त प्रयासों से किया गया है। यह इस्पात पहले से ही भारत के कई प्रमुख नौसैनिक प्लेटफार्मों जैसे विमानवाहक पोत, स्टेल्थ फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धक जहाज और नेक्स्ट-जेनरेशन युद्धपोत में उपयोग किया जा चुका है। अब तक लगभग 46,500 टन DMR 249A इस्पात का उत्पादन हो चुका है, जो भारतीय नौसेना की रणनीतिक आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • DMR 249A एक उच्च-प्रदर्शन रक्षा-ग्रेड इस्पात है, जिसका उपयोग नौसैनिक और थल प्लेटफार्मों में किया जाता है।
  • बोकारो स्टील लिमिटेड और DMRL वर्ष 2007 से इस इस्पात पर संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।
  • अब तक 46,500 टन DMR 249A इस्पात का उत्पादन किया जा चुका है।
  • इस लाइसेंस से BSL को DMR 249A शीट्स के निर्माण का गैर-एक्सक्लूसिव अधिकार प्राप्त हुआ है।

हैदराबाद में संपन्न यह समझौता भारत की रक्षा धातु आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मील का पत्थर है। यह पहल न केवल नौसैनिक आधुनिकीकरण को बल देगी, बल्कि देश को रक्षा सामग्रियों में दीर्घकालिक स्वावलंबन और रणनीतिक मजबूती की दिशा में अग्रसर करेगी।

Originally written on November 21, 2025 and last modified on November 21, 2025.

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