बिहार सरकार की ‘भूमि सुधार संवाद’ पहल: ज़मीन विवादों के समाधान की नई दिशा
बिहार सरकार ने भूमि विवादों के शीघ्र समाधान और भूमि प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल ‘भूमि सुधार संवाद’ की घोषणा की है। यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से प्रारंभ होगा और नागरिकों को ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ों और स्वामित्व समस्याओं को सीधे अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर समाधान प्राप्त करने का अवसर देगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य
‘भूमि सुधार संवाद’ एक सार्वजनिक संवाद मंच है, जहां आम नागरिक अपने ज़मीन संबंधी दस्तावेज़ों को लेकर आ सकते हैं और मौके पर ही समस्या के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
- पहले चरण में यह संवाद सत्र पटना में आयोजित होंगे और इसके बाद इसे लखीसराय जैसे जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य वर्षों से लंबित दाखिल-खारिज, स्वामित्व विवाद और दस्तावेज़ी गड़बड़ियों को समाप्त करना है।
धोखाधड़ी रोकथाम और प्रशासनिक निगरानी
सरकार एक विशेष निगरानी टीम ‘उड़न दस्ता’ (Udan Dasta) गठित कर रही है, जिसका कार्य भूमि से संबंधित धोखाधड़ी का पता लगाना और उसे रोकना होगा।
- अब तक विभाग को करीब 46 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से लगभग 12 लाख मामलों का समाधान किया जा चुका है।
- अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दाखिल-खारिज मामलों का निष्पादन समयबद्ध रूप से किया जाए और अनुचित अस्वीकृति से बचा जाए।
अतिक्रमण और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई
मार्च 2026 में राज्य सरकार राज्य स्वामित्व वाली भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान शुरू करेगी।
- अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- भूमि माफिया से मिले हुए किसी भी कर्मचारी पर भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
- अतिक्रमण की विश्वसनीय जानकारी देने वाले सूचनाकर्ताओं को पुरस्कार देने की योजना भी प्रस्तावित है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘भूमि सुधार संवाद’ कार्यक्रम की शुरुआत 12 दिसंबर से होगी।
- ‘उड़न दस्ता’ भूमि धोखाधड़ी की निगरानी और रोकथाम हेतु गठित किया जा रहा है।
- अब तक प्राप्त 46 लाख आवेदनों में से लगभग 12 लाख का समाधान किया जा चुका है।
- मार्च में राज्य भूमि से अतिक्रमण हटाने का विशेष अभियान शुरू होगा।
शासन में पारदर्शिता और विश्वास की ओर कदम
यह पहल राजस्व कार्यालयों में जवाबदेही बढ़ाने और पंचायत स्तर पर नियमित निगरानी को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।
शिकायत निवारण, धोखाधड़ी रोकथाम और अतिक्रमण हटाने जैसे पहलुओं को एकीकृत करते हुए बिहार सरकार एक अधिक पारदर्शी और प्रभावी भूमि प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। यह प्रयास ग्रामीण जनता में शासन के प्रति विश्वास को पुनः सुदृढ़ कर सकता है।